नदी कहीं संकरी तो कहीं चौड़ी
जयपुर-आगरा हाईवे पर कानोता से निकलने के बाद के नदी के लिए पूरा लंबा क्षेत्र है। हिंगोनिया, सिंदौली, सांख, बिसनसिहंपुरा, सांभरिया में पूरी रपट पर पानी का बहाव है। आगे चाकसू तक पूरी चौड़ाई मिलने से नदी का बहाव अभी रपट के नीचे चल रहा है।CET परीक्षार्थियों को राजस्थान सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, 2 दिन चलेगी परीक्षा
उम्मीदेंः इन पर हो काम
- बिशनसिंहपुरा में नदी किनारे ग्रामीणों के प्रयास से बचाए हुए बांध को पक्का बनाकर यहां पर्यटन विकसित किया जा सकता है।
- ढूंढ के बहाव क्षेत्र के किनारे वनस्पति लगाने की योजना बनाई जाए।
- ढूंढ नदी में फैक्टि्रयों से निकलने वाला रासायनिक पानी बंद कर दिया जाए तो क्षेत्र के लोगों को निश्चित रूप से शुद्ध पानी फसल के लिए मिल सकता है।
विकास योजना बने
ढूंढ नदी के विकास को लेकर योजना बनाने की दरकार है। इसके लिए जिम्मेदारों द्वारा एक प्रोजेक्ट बनाया जाए। नदी के बहाव क्षेत्र में छोटे बांध एनीकट और पौधारोपण समेत अन्य योजनाएं विकसित की जाए जिससे क्षेत्र का प्राकृतिक स्वरूप और नदी का बहाव लगातार बना रहें।- ढूंढ नदी बहाव क्षेत्र में ढूंढ कॉरिडोर बनाया जा सकता है। बस्सी विधानसभा क्षेत्र में ढूंढ नदी राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर गुजर रही है। वहीं कई ग्राम पंचायतों में आबादी के नजदीक से होकर गुजर रही है।
- ऐसे में अहमदाबाद के साबरमती की तर्ज पर ही यहां पर ढूंढ कॉरिडोर बनाकर कानोता से सिंदौली, सांख, बिसनसिहंपुरा, सांभरिया तक इसका विकास हों तो क्षेत्र को राज्य स्तर पर पहचान मिल सकती है।
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…तो आगामी वर्षों में कच्चे बांधों को देंगे मजबूती
ढूंढ नदी में कई वर्षों बाद बहाव बना है, ऐसे में तत्काल कोई कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं हो सकता है, नदी का बहाव अगर आगामी वर्ष में भी बना रहता है तो ग्रामीणों द्वारा तैयार किए गए कच्चे बांधों को विभाग द्वारा मजबूती प्रदान कराई जाएगी।अनिल, एक्सईएन, जल संसाधन विभाग