उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 3 अक्टूबर 2023 को न्यास बनाया लेकिन आज तक एक भी बैठक नहीं हुई। 85 करोड़ की लागत से बने म्यूजियम को जनता के लिए नहीं खोला गया है। हमारी सरकार गांधी दर्शन संग्रहालय का संचालन करेगी। इसके लिए किसी न्यास की जरूरत नहीं है।
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सरकार गांधी को चाहती है या गोडसे कोः जूली
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि हमारी सरकार ने महात्मा गांधी के विचारों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए इस ट्रस्ट की स्थापना की थी। भाजपा सरकार का पहला बिल सदन में आया है, वो भी गांधी वाटिका को निरस्त करने के लिए। सरकार बताए कि वह गांधी के विचारों को मानती है या फिर नाथूराम गोडसे को, अगर सरकार सही है तो फिर इस विधेयक को जनमत जानने के लिए जनता के पास भेजे। जिससे जनता यह तय कर देगी कि वो इस गांधी वाटिका न्यास को खत्म के पक्ष में हैं या फिर जारी रखने के पक्ष में है।