एसपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपी संजय मालवीय , शुभम अहिवासी, रूद्राक्ष त्रिवेदी तथा अमन सोनी को गिरफ्तार किया गया है। अमन कुमार एमपी स्टेट के रतलाम का रहने वाला है और उसके बाकि साथी प्रतापगढ़ के ही रहने वाले हैं। इनके बारे में परिवादी ने साइबर सेल में रिपोर्ट दी थी। परिवादी को सरकारी योजना का लालच देकर खाता खुलाने के साथ उसके नाम से सिम कार्ड भी जारी करवाएं गये। बैंक कर्मचारी द्वारा परिवादी को उसके खातों से ज्यादा ट्रांजैक्शन होने के बारे में बताने पर साइबर सेल को रिपोर्ट दी गई। इस पर थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
जांच के लिए सीओ मनीष बडगूजर के निर्देशन में एसएचओ रविंद्र सिंहए डीएसटी प्रभारी नरेंद्र सिंह एवं साइबर सेल की एक विशेष टीम गठित की गई। साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई कर इन खातों को संदिग्ध मानते हुए डेबिट फ्रीज करवाया गया। इन खातों से जुड़े 80 खातों की पहचान की गई जिनमें सन्दिग्ध राशि ट्रांसफर की गई है।
सीओ बडगुजर ने बताया कि सन्दिग्ध खातों के विश्लेषण में पाया गया कि यह रकम आईपीएल सट्टे और अन्य संदिग्ध कार्यों से जमा की गई है। इन खातों पर अन्य राज्यों में भी पूर्व में ठगी संबंधित शिकायते हुई है। इन सभी खातों का डेबिट फ्रीज करवा कर अभी तक करीब 2.73 करोड रुपए की संदिग्ध रकम होल्ड करवा मामले की सूचना ईडी को दी गई है। मामले में साइबर सेल में कॉन्स्टेबल पूजा, ऋतुराज और महावीर की विशेष भूमिका रही।
दो दिन पहले जयपुर से भी इसी तरह की एक गैंग पकडी थी और गैंग के सात ठगों से भी करोड़ों रुपयों की राशि के बारे में खुलासा हुआ था। गरीब लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर झूठ बोलकर ये खाते खुलवाते थे और उनके नाम से लोन उठाकर ऐश करते थे।