कालोता गांव के पूर्व सरपंच बसराम मीणा ने ही पुलिस और रेलवे प्रबंधन को इसकी सूचना दी थी। मीणा ने बताया कि रात को खेत पर बने कमरे पर सो रहा था। इसी दौरान पास से गुजरने वाले ट्रेक से कुछ आवाजें आई। बसराम ने खेत से ही पूछा तो आवाजें आई कि रेलवे वाले हैं ट्रेक सही कर रहे हैं। बसराम को कुछ शक हुआ तो वे अकेले ही वहां पहुंचे और पूछने लगे कि इमरजेंसी लाइटें कहां हैं, अधंरे में ही ट्रेक कैसे सही करोगे।
उन्होनें सख्ती दिखाई तो वहां मौजूद तीन चोरों ने उनको धक्का दिया और वहां से भाग छूटे। बाद में बसराम ने अपने परिवार को बुलाया। पुलिस बुलाई, भाकरी स्टेशन पर सूचना देकर रेलवे अफसरों को बुलाया। पता चला कि करीब पांच सौ मीटर से भी ज्यादा ट्रेक की क्लिपें उखाड ली गई हैं और इनको तीन बोरों में भरा गया है। लेकिन वजन ज्यादा होने के कारण चोर बोरो नहीं ले जा सके। बाद में दोनो ओर से रेलवे ट्रेक को बंद किया गया। काफी मशक्कत के बाद क्लिपें वापस जोंडी गईं। रेलवे अफसरों ने बताया कि रेलवे की यह बड़ी लाइन है। रात में यहां से चंडीगढ़, हरिद्वार समेत अन्य कई सवारी गाडि़यां जाने वाली थीं।
अगर ट्रेक के बारे में पता नहीं होता तो बेहद बड़ा हादसा हो सकता था। रेलवे अफसरों ने बताया कि इस ट्रेक से गरीब रथ, अजमेर एक्सपें्रस, अहमदाबाद एक्सपे्रेस , पूजा एक्सप्रेस, दो से तीन लोकल शटल समेत एक दर्जन से भी ज्यादा सवारी गाडि़यां गुजरती हैं।