बोर्ड ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट एंड इनवेस्टमेंट प्रमोशन (बीडी) के प्रस्ताव पर वर्ष 2007 को इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड को यह भूमि आवंटित की थी। 400 करोड़ रुपए निवेश और 1500 लोगों को रोजगार देने के लिए तीन वर्ष का समय तय किया था। मांग पत्र नवम्बर 2007 को इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड को जारी हुआ। इंटरनेशनल एम्यूजमेंट एंड इन्फ्रास्टक्चर लिमिटेड ने जमीन का बेचान शुरू कर दिया।
10 से अधिक मामले हुए दर्ज
कम्पनी ने ऊंची दरों पर जमीन बेचकर लोगों से मोटा मुनाफा कमाया, जबकि कम्पनी को जमीन बेचने का अधिकार नहीं है। इस जमीन का बड़ा हिस्सा इकोलॉजिकल जोन में होने से यहां निर्माण संभव नहीं है। अब तक जयपुर के पांच थानों में 10 से अधिक मामले भी दर्ज हो चुके हैं।
अब ईडी की कार्रवाई
ईडी ने कार्रवाई गुरुग्राम की एंटरटेनमेंट सिटी लिमिटेड में 3,93,737.28 वर्ग फीट के बिना बिके वाणिज्यिक स्थान के रूप में रखी इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड (मैसर्स आइआरएएल की होल्डिंग कंपनी) के मामले में की है। ईडी ने 3,93,737.28 वर्ग फीट की व्यावसायिक जगह पर बने नोएडा के ग्रेट इंडिया पैलेस मॉल के एम्यूजमेंट पार्क को अटैच किया है। दिल्ली के रोहिणी में 45, 966 वर्ग फीट की व्यावसायिक भूखंड पर बने एडवेंचर आइलैंड को भी अटैच किया है।
निवेश के नाम पर लोगों से ठगी
इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड ने गुरुग्राम के सेक्टर 29 और 52-ए में आवासीय योजना लॉन्च की थी। यहां दुकानों और प्लॉट के आवंटन के नाम पर 1500 निवेशकों से 400 करोड़ रुपए बटोर लिए। इसके बाद लोगों न जमीन दी न उनके रुपए लौटाए। प्रस्तावित प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए। मामला चर्चा में आया, जिसके बाद ईडी ने कार्रवाई शुरू की थी। इस मामले को लेकर वर्ष 2019 में हरमाड़ा थाने में एफआइआर कराई गई थी। यह एफआइआर जेडीए के तत्कालीन जोन उपायुक्त देवाराम सैनी व अन्य के खिलाफ कराई गई थी। हालांकि पुलिस ने इसमें एफआर लगा दी थी।