अब, यातायात पुलिस कंट्रोल रूम “यादगार” से ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, जो पांच किलोमीटर के दायरे की सड़कों पर नजर रखेगा। डीसीपी (ट्रैफिक) सागर ने बताया कि यह पहल अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई है।
इस प्रणाली के माध्यम से एक स्थान पर बैठे जवान बड़े क्षेत्र का मुआयना कर सकते हैं जहां जाम लगा है या अन्य कोई रुकावट है, उसे समय पर हल किया जा सकता है। इस ड्रोन में यातायात उल्लंघन करने वालों की फोटो खींचकर चालान करने का विकल्प भी मौजूद है। इस प्रोजेक्ट की उपयोगिता की समीक्षा कुछ समय बाद की जाएगी, जिससे इसे और प्रभावी बनाने के उपाय किए जा सकें।