उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि- ‘मान लीजिए पूर्व विधायक अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी और प्रदेश महामंत्री भजनलाल (मीटिंग में बैठे थे) को टिकट नहीं मिलता है, इसका मतलब यह नहीं कि ये विरोध करना शुरू कर दें या प्रत्याशी को जीताने का प्रयास नहीं करें। बल्कि वे दूसरे दावेदारों को भी समझाएंगे कि, हम सभी का कर्तव्य है कि संगठन के फैसले का स्वागत कर प्रत्याशी को आगे बढ़ाएं।’ इस दौरान जयपुर संभाग की 50 विधानसभा क्षेत्रों की कार्ययोजना बनाई। इसके बाद केन्द्रीय मंत्री प्रधान भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे। यहां सोशल सोशल मीडिया वालियंटर्स के साथ संवाद किया।
टिकट दावेदारों की नब्ज टटोली
प्रधान ने वहां मौजूद सांसद, विधायक, पूर्व विधायक व नेता, पदाधिकारियों से पूछा कि- जो टिकट चाहते हैं, वे हाथ उठाएं। वहां मौजूद विधायक, पूर्व विधायक सहित कई बड़े नेताओं ने हाथ ऊंचा किया। इसके जरिए प्रधान ने टिकट दावेदारों की नब्ज टटोली।
टिकट से पहले सोशल मीडिया पर ‘शह और मात’, टटोल रहे जनता का मन
50 विधानसभा के लिए एजेंडा सेट….
– भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता में कहा कि पिछले पांच साल में राजस्थान में 32 हजार से ज्यादा दुष्कर्म हुए। कई रसूखदार लोग भी शामिल रहे। एक मंत्री का बेटा भी इसमें शामिल था।
– यहां तुष्टिकरण के सारे मानदण्ड क्रॉस हो गए।
– पिछले पांच साल में 19 बार भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए। इससे बच्चों के आत्मविश्वास को कमजोर किया।
– जातिगत जनगणना के सवाल पर कहा कि प्रदेश सरकार अब लोगों को प्रलोभन दे रही है।