सरकार पर आरोप
उन्होंने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल से चौंकाने वाली सूचना है, जहां लू से मौत के बाद करीब 40 अज्ञात लोगों के शव मोर्चरी में हैं, हर दिन करीब 20-25 अज्ञात लोगों के शव मोर्चरी में आ रहे हैं, लेकिन सरकार मुआवजा देने से बचने के लिए मौत के अलग-अलग कारण बताकर तीन दिन के भीतर पोस्टमार्टम करके मामलों को निपटा रही है, जबकि अज्ञात शव की शिनाख़्त, पुलिस की कार्रवाई, परिवार को ढूंढने और समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित करने की प्रक्रिया में करीब सात दिन लग जाते हैं, जिसके पश्चात डेड बॉडी को डिस्पोज किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़े सिर्फ एसएमएस अस्पताल के हैं, पूरे प्रदेश के हालात भयावह एवं चिंताजनक है। सरकार सिर्फ पांच लोगों की लू से मौत बता रही है जबकि सच्चाई यह है कि प्रदेश में भयंकर गर्मी और लू से मौतों का आंकड़ा बेहद डरावना है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उन्हें इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और लू से होने वाली मौतों के आंकड़े नहीं छिपाकर इससे मरने वाले लोगों के परिजनों को उचित मुआवाजा दिया जाए।