मामला कुछ इस तरह था
मामला कुछ इस तरह है कि महिला डॉक्टर अक्षिता की मैटरनिटी लीव को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अस्वीकृत कर दिया। साथ ही उनकी ज्वाइनिंग भी दोबारा नहीं करवाई। इस पर याचिकाकर्ता डॉक्टर अक्षिता ने सिविल सर्विसेज अपील ट्रिब्यूनल में गुहार लगाई। याचिका में ट्रिब्यूनल से अनुरोध किया गया कि याचिकाकर्ता की 180 दिन की मैटरनिटी लीव स्वीकृत कर फिर से ऑफिस जॉइन करवाने के निर्देश दिए जाएं। यह भी पढ़ें – मिसाल : सरकारी विद्यालय को दान की 20 लाख रुपए कीमत की भूमि, खुशी से झूमे लोग