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केसरी सिंह टिकट मांगने आए थे
गहलोत ने कहा कि वे केसरी सिंह से सिर्फ एक बार मिले हैं। वो उनके पास मकराना से टिकट मांगने आए थे, न तो कभी उन्होंने मुझसे आरपीएससी सदस्य बनने की मांग की थी और नहीं किसी ने उनके नाम की सिफारिश की थी। समय कम बचा था, हमारी सरकार ने सोचा कि 2 महीने चुनाव में व्यस्त रहेंगे, लेकिन इसका नुकसान अभ्यार्थियों को नहीं होना चाहिए। इसके लिए आर्मी बैकग्राउंड के कई लोगों के आवेदन आए हुए थे। उनके रिकॉर्ड को देखते हुए उनके नाम की सिफारिश राज्यपाल को कर दी और राज्यपाल ने उनके नाम जारी कर दिए। मुझे भी थोड़ा लालच आ गया था कि मैं अपनी मकराना की सीट क्यों खराब करूं। इसके लिए उनके नाम की सिफारिश कर दी थी, अब जो बयान सामने आ रहे हैं तो इसका मुझे बहुत दुख है। गहलोत कहा कि केसरी सिहं के बयानों के जो वीडियो सोशल मीडिया पर वाय़रल हो रहे हैं, उनसे बहुत धक्का लगा है। 22 साल तक आर्मी में रहने वाला व्यक्ति इस तरह की सोच का हो सकता है। वे अब आरपीएससी सदस्य बन गए हैं। मैंने चाहा था कि मैं उनको को बुलाकर बात करूं, लेकिन वो मुझसे सदस्य बनने के बाद मिलने भी नहीं आए।
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किरोड़ी और केंद्र के बीच मिलीभगत
इधर राजधानी जयपुर के एक मॉल में ब्लैक मनी होने के आरोपों पर सीएम गहलोत ने कहा कि किरोड़ी मीना और केंद्र सरकार की मिली भगत है। उस मॉल में वो लॉकर किसके हैं, हमें क्या पता? धरने-प्रदर्शन करके सरकार को बदनाम करना उनकी पुरानी फितरत है। ईडी की कार्रवाई को लेकर गहलोत ने कहा कि अगर किसी ने बेईमानी की है तो उन पर छापे मारो और उनकी संपत्ति को कुर्क करो, लेकिन अगर पॉलिटिकल दबाव में निर्दोष लोगों पर कार्रवाई करके परेशान किया गया तो ये स्वीकार्य नहीं है।