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Chandrayaan 3 की सफलता में राजस्थान के दो युवा वैज्ञानिकों का रहा अहम योगदान

Chandrayaan-3 Mission Success : चन्द्रयान 3 ने जुलाई 14 को इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट एलवीएम 3 (LVM3) से इसरो के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और 23 अगस्त को सफलता पूर्वक चांद की सतह पर उतर कर, भारत को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना दिया।

जयपुरAug 26, 2023 / 09:29 pm

जमील खान

Chandrayaan-3 Mission Success

Chandrayaan-3 Mission Success : चन्द्रयान 3 ने जुलाई 14 को इसरो (ISRO) के सबसे शक्तिशाली रॉकेट एलवीएम 3 (LVM3) से इसरो के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) से उड़ान भरी और 23 अगस्त को सफलता पूर्वक चांद की सतह पर उतर कर, भारत को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना दिया। राजस्थान के युवा वैज्ञानिक गौरव वर्मा (जयपुर) एवं वेद प्रकाश शर्मा (अलवर) चन्द्रयान 3 (Chandrayaan 3) के रॉकेट और क्रायोजेनिक इंजन के विभिन्न भागों में काम आने वाली धातुओं का परिक्षण करने वाली टीम का हिस्सा थे।

धातुओं के पुख्ता परिक्षण में इन्होंने अहम भागीदारी निभाई। दोनों वैज्ञानिकों ने MNIT जयपुर से अपनी पढ़ाई की है। गौरव वर्मा पुत्र सुदेश कुमार वर्मा मां रजनी वर्मा त्रिवेणी नगर जयपुर के निवासी हैं। गौरव ने IIT Bombay से M.tech किया है। वहीं वेद प्रकाश शर्मा पुत्र उमाशंकर शर्मा मां कुसुम लता शर्मा गांव तालाब, राजगढ़ अलवर के निवासी हैं। दोनों अभी इसरो के त्रिवेंद्रम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में कार्यरत हैं।

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