चाकसू सीट पर प्रत्याशी के चयन को लेकर पार्टी में लंबी उथल-पुथल चली। जानकारी के अनुसार चार दिन पहले पूर्व विधायक अशोक तंवर को फोन करके टिकट मिलने का भरोसा दिलाते हुए तैयारी करने की जानकारी दी। इसके बाद अशोक तंवर के समर्थकों ने आतिशबाजी कर मिठाई बांट दी और तंवर ने सोशल मीडिया के माध्यम से खुद को कांग्रेस प्रत्याशी बताते हुए सोमवार को नामांकन रैली में आने की लोगों से अपील भी की ।
इस दौरान तंवर के बैनर पोस्टर भी बन गए और कार्यालय खुलने के स्थान का चयन भी कर लिया गया। रविवार शाम तक राजनीतिक गलियारों में तंवर के नाम की चर्चा थी और सोलंकी समर्थकों में निराशा थी। देर शाम आई सूची में मौजूदा विधायक वेद प्रकाश सोलंकी का नाम आते ही लोग अचंभित रह गए। सूचना मिलते ही कस्बे के तहसील चौराहा, फागी मोड, कोटखावदा मोड पर समर्थक एकत्र हो गए और जमकर आतिशबाजी की।
समर्थकों ने मिठाई बांटकर सोलंकी के पक्ष में जमकर नारे लगाए। जानकारी के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2008 में वेद प्रकाश सोलंकी को चाकसू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया था लेकिन वह भाजपा प्रत्याशी प्रमिला कुंडारा से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2013 में भी सोलंकी को कांग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशी नहीं बनाया था। लेकिन सोलंकी लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे जिसके परिणामस्वरुप वर्ष 2018 में पार्टी ने सोलंकी को अपना प्रत्याशी बनाया और सोलंकी ने भाजपा के रामावतार बैरवा को बहुत कम मतों के अंतर से हराया।
कौन हैं कांग्रेस के रामलाल चौहान जो झालरापाटन से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को देंगे चुनावी टक्कर
इसके बाद सीएम बनने को लेकर अशोक गहलोत व सचिन पायलट में चली खींचतान में सोलंकी ने सचिन पायलट का साथ दिया और वह कई बार अशोक गहलोत के खिलाफ मुखर होकर बोले। जिसके चलते इस बार उनका टिकट खटाई में पड़ गया। अशोक गहलोत ने नाराजगी के चलते पूर्व विधायक अशोक तंवर का नाम लगभग फाइनल कर दिया था। लेकिन सूत्रों की माने तो सोलंकी के नाम को लेकर सचिन पायलट अड़ गए। इसके बाद आलाकमान को अपना निर्णय बदलना पड़ा और देर शाम आई सूची में सोलंकी का नाम सामने आया। इससे पहले तंवर समर्थकों में खुशी का माहौल था और वह सोमवार को नामांकन की पूरी तैयारी कर रहे थे।