Ashok Gehlot advice to
BJP : केंद्र सरकार ने राज्यसभा में गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (सेवा की नियुक्ति शर्तें और कार्यकाल) बिल पेश किया है। CEC Appointment Bill पर विवाद शुरू हो गया। विपक्ष ने तीन सदस्यीय पैनल को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर आपत्ति जताई है।राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा और केंद्र सरकार को आइना दिखाते हुए सलाह दे डाली। सीएम गहलोत ने अपने ट्वीट किया कि, केन्द्रीय चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए लाया गया तीन सदस्यीय समिति का बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना के खिलाफ है। इस बिल से मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति फिर से पूरी तरह केंद्र सरकार के हाथ में होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त की भूमिका स्वतंत्र रखने के लिए चयन समिति में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चीफ जस्टिस को रखना चाहिए तभी इस संस्था में जनता का विश्वास मजबूत होगा।
विपक्ष कर रही है केंद्र सरकार का विरोधCEC Appointment Bill के अनुसार, अब मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी करेगी। इस कमेटी में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री भी सदस्य होंगे। नए विधेयक में CJI को शामिल नहीं किया गया है। जिसको लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार का जमकर विरोध किया।
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सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्थाइससे पूर्व मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा चयन प्रक्रिया को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था अब मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भी सीबीआई चीफ की नियुक्ति की तरह ही होगी। सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय जजों की बेंच ने फैसले में कहा था कि अब ये नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस की कमेटी की सिफारिश पर राष्ट्रपति करेंगे। अब तक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति केंद्र सरकार करती थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया था कि मौजूदा व्यवस्था तब तक जारी रहेगी, जब तक संसद इस पर कानून न बना दे।
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