राजधानी में सीजन का दूसरा सबसे गर्म दिन रविवार को रेकॉॅर्ड हुआ। इससे पहले 19 मई को शहर का अधिकतम तापमान 45.9 डिग्री दर्ज किया जा चुका है। मौसम केन्द्र के अनुसार अगले 48 घंटों में तीव्र हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। इधर, शहर में तेज गर्मी के कारण सड़कें सूनी दिखाई दे रही हैं। वाहनों की आवाजाही भी कम हो गई है। रविवार को सोडाला से अजमेर रोड तक दूर-दूर तक पसरा सन्नाटा।
भीषण गर्मी में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए की जा रही चौबीस घंटे मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान इस समय भीषण गर्मी से जूझ रहा है। सम्पूर्ण प्रदेश हीट वेव की रेड अलर्ट श्रेणी में आ गया है। सरकार प्रदेशवासियों को गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। बिजली-पानी की उपलब्धता को लेकर चौबीस घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। पूरे प्रदेश में मौसमी बीमारियों और हीट वेव से बचाव व उपचार की पुख्ता व्यवस्थाएं की हैं। साथ ही, पशुधन एवं गौवंश के लिए भी दवा-पानी की व्यवस्था की गई है।
हीट स्ट्रोक से बचाव के तरीके
सीएमएचओ ने बताया कि जहां तक सम्भव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें। बिना भोजन किए बाहर न निकलें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें।
गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पिएं एवं पेय पदार्थो जैसे निंबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करें। अधिक गर्मी से प्राय हाईरिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं। यथासंभव इन्हें बाहर न निकलने दें व इनका विशेष ध्यान रखें। स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। नरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।