भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने सुबह प्रदेश के कुछ नेताओं के साथ गुप्त बैठकें की। इसके बाद वे भी दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सूत्रों के अनुसार दोपहर में दिल्ली पहुंचने के बाद अरुण सिंह और सीपी जोशी की केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित अन्य आला नेताओं से भी मुलाकात हुई। संसद सत्र शुरू होने के चलते कई सांसदों की भी इन दोनों नेताओं से मुलाकात हुई। कुछ सांसद, जो विधायक बने वे भी संसद भवन पहुंचे। प्रदेश के कुछ सांसद, जो केन्द्र में मंत्री हैं। वे भी दिल्ली में प्रदेश के हालातों को लेकर चर्चा करते नजर आए। देर रात अरुण सिंह और सीपी जोशी जयपुर आ गए। उधर, जयपुर में प्रदेशभर से नए विधायकों का पहुंचना जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बड़ी संख्या में विधायकों ने मुलाकात की। नए विधायक प्रदेश कार्यालय में भी गए और संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर सहित अन्य नेताओं से मिले।
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प्रदेश में मुख्यमंत्री चुनने को लेकर भाजपा के केन्द्रीय नेताओं के बीच मंथन शुरू हो चुका है। सूत्रों के अनुसार पार्टी कई नेताओं के नामों पर विचार कर रही है। सीएम के नाम की सारी चर्चा पीएम मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। एक नाम पर सहमति बनाने में पार्टी को अंदर खाने समय लग रहा है। पार्टी अंदाजा लगा रही है कि एक नाम तय करने के बाद किसी तरह का विरोध तो सामने नहीं आएगा। पार्टी किसी भी कीमत पर यह संदेश नहीं देना चाहती कि प्रदेश में जो निर्णय किया गया है, उसका विरोध हुआ है। बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में तीन से छह दिन लग सकते हैं। चुनावी राज्यों को लेकर मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में बैठक भी हो सकती है।
जीते हुए सांसद देंगे इस्तीफा
भाजपा के 7 और आरएलपी के एक सांसद ने विस चुनाव लड़ा। भाजपा के 4 सांसदों ने चुनाव जीता। ये सांसद पद से इस्तीफा देंगे। पार्टी ने सभी को इशारा कर दिया है कि उन्हें अब विधायक के रूप में राजस्थान में ही काम करना है। सांसद हनुमान बेनीवाल भी इस्तीफा दे देंगे।
पर्यवेक्षक की नियुक्ति का भी इंतजार
पार्टी ने विधायक दल की बैठक बुलाने के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त नहीं किए हैं। पर्यवेक्षक नियुक्त होने के बाद विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में रायशुमारी होगी और यदि एक नाम पर सहमति बन जाएगी तो उसके बाद विधायक दल के नेता की घोषणा भी हो जाएगी।
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लोकसभा चुनाव पर भी है नजर
पार्टी ऐसे नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है, जिससे लोकसभा चुनाव में पार्टी को लाभ मिल सके। हालांकि, पीएम मोदी के नेतृत्व में 2019 में प्रदेश में सरकार नहीं होने के बावजूद भी सभी लोकसभा सीटें मिली थी। लेकिन, फिर भी पार्टी के बड़े नेता रिस्क नहीं उठाना चाहते।
मुख्यमंत्री… निर्णय में लग सकता है समय
प्रदेश में मुख्यमंत्री चुनने को लेकर भाजपा के केन्द्रीय नेताओं के बीच मंथन शुरू हो चुका है। सूत्रों के अनुसार पार्टी कई नेताओं के नामों पर विचार कर रही है। सीएम के नाम की सारी चर्चा पीएम मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। एक नाम पर सहमति बनाने में पार्टी को अंदर खाने समय लग रहा है। पार्टी अंदाजा लगा रही है कि एक नाम तय करने के बाद किसी तरह का विरोध तो सामने नहीं आएगा। पार्टी किसी भी कीमत पर यह संदेश नहीं देना चाहती कि प्रदेश में जो निर्णय किया गया है, उसका विरोध हुआ है। बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में तीन से छह दिन लग सकते हैं। चुनावी राज्यों को लेकर मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में बैठक भी हो सकती है।