इसके लिए 16 हजार करोड़ बजट की व्यवस्था की गई थी। इस स्कीम के तहत महिलाओं को 3 साल तक मुफ्त डेटा दिया जाना था। इसका नाम मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना रखा गया था। अब, भजनलाल सरकार ने यह कहत हुए इस योजना पर अस्थायी रोक लगा दी है कि इसकी समीक्षा की जाएगी। बामनवास विधायक इंदिरा मीना के प्रश्न के उत्तर में सरकार ने पुष्टि की कि योजना की प्रभावशीलता के मूल्यांकन तक इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
सदन में पिछली अशोक गहलोत सरकार ने नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को 24.5 लाख स्मार्टफोन मुहैया कराए थे। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीओआईटी) द्वारा विधानसभा में पेश किए गए जवाब में कहा गया है, “कुल 24.5 लाख महिलाओं को 1,670.1 करोड़ रुपए की कुल राशि के लिए इंटरनेट डेटा के साथ स्मार्टफोन दिए गए थे। जवाब में आगे कहा गया कि पिछली सरकार ने पहले चरण में 40 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन देने का लक्ष्य रखा था।
पूर्ववर्ती सरकार की एक और योजना पर रोक लगाने से भड़की कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा इसे लेकर राजनीति कर रही है। मीना ने कहा, इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना था। मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि इस योजना को बंद नहीं करे और फोन का वितरण फिर से शुरू करें। सीएमओ के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने क हा, “योजना की व्यावहारिकता विवादास्पद रही है। 1.3 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन वितरित करना, जबकि लगभग 80त्न लाभार्थियों के पास पहले से ही स्मार्टफोन हैं, अनावश्यक मुफ्त उपहार देने जैसा है। 24.5 लाख लाभार्थियों पर जल्द ही एक व्यापक विश्लेषण किया जाएगा।”