खान सचिव आनन्दी ने आगे बताया, इससे पहले गत वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक 29 और छत्तीसगढ़ में 20 ब्लाकों की नीलामी हुई थी जबकि राजस्थान में गत वर्ष मेजर मिनरल के 8 ब्लॉकों की ही नीलामी हुई थी जो नए प्रावधानों के बाद सर्वाधिक थी। गत वर्ष देशभर में 105 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी हुई थी। उड़ीसा में सर्वाधिक 25 मिनरल ब्लॉकों की नीलामी 2019-20 में हुई थी।
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राजस्थान के खान सचिव आनन्दी ने बताया कि केंद्र सरकार का भी मेजर मिनरल्स के ब्लॉकों की नीलामी पर जोर रहा है और राज्यों को अधिक से अधिक मिनरल ब्लॉक तैयार कर ऑक्शन करने और उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि देश के राजस्थान सहित 13 प्रदेशों में मिनरल ब्लॉक्स की तैयारी व ऑक्शन की मासिक समीक्षा की जाती है।
खान सचिव आनन्दी ने बताया कि नई सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अवैध खनन पर अकुंश लगाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश के साथ ही अधिक से अधिक ब्लॉक तैयार कर नीलामी पर जोर दिया ताकि वैध खनन को बढ़ावा दिया जा सके। इसी क्रम में राजस्थान ने गोल्ड और रेयर अर्थ एलिमेंट व पोटाश के ऑक्शन की प्रक्रिया भी भारत सरकार के पोर्टल पर निविदा जारी कर आरंभ कर दी है।
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य में इस वित्तीय वर्ष में 31 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी हो चुकी है। जिसमें से लाइमस्टोन के 22 ब्लॉकों की माइनिंग लीज के लिए नीलामी हुई है वहीं आयरन ओर के चार ब्लाकों की कंपोजिट लाइसेंस व बेसमेटल के दो ब्लॉक और बेसमेटल व एसोसिएटेड मिनरल्स के 3 ब्लॉकों की कंपोजिट लाइसेंस के लिए नीलामी हो चुकी है।
भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि प्रदेश में अवैध खनन को रोकने और मिनरल एक्सप्लोरेशन के योजनावद्ध प्रयासों का ही परिणाम है कि अधिक से अधिक ब्लॉक तैयार कर पारदर्शी व्यवस्था के तहत भारत सरकार के ई—पोर्टल के माध्यम से नीलामी की जा रही है।
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