हुआ यूं कि मालवीय नगर सेक्टर दस पुलिया के पास शाम 5 बजे एक मूक बधिर युवक पटरी पर लेटा हुआ था। सामने से ट्रेन भी आ रही थी। तमाशबीनों की भीड़ वहां लग गई। तभी उधर से बाइक पर जा रहे ट्रेफिक वार्डन अशोक राठौड़ ने भीड़ देखी और वह रूक गया। अशोक ने उसे उठाया और तुरंत बाइक पर बैठा लिया। बाइक पर बैठते ही युवक उतरकर फिर से ट्रेन की ओर भागने लगा। अशोक दौड़कर पटरी की तरफ गया और फिर उसे पकड़कर बाइक पर बैठाकर थाने ले आया।
दो घंटे तक पता नहीं चला युवक कौन है
पुलिस ने बताया कि युवक मूक-बधिर होने के कारण पूछताछ करने में काफी परेशानी आ रही थी। दो घंटे तक युवक से हर तरह से कोशिश करते रहे। साइन लैंग्वेज भी न युवक को आती थी और न ही पुलिस को। पेपर पर लिखकर बात करने की कोशिश की तो उसने बिहार की भाषा में लिख दिया, जो पुलिस की समझ से परे थी।
पुलिस ने बताया कि युवक मूक-बधिर होने के कारण पूछताछ करने में काफी परेशानी आ रही थी। दो घंटे तक युवक से हर तरह से कोशिश करते रहे। साइन लैंग्वेज भी न युवक को आती थी और न ही पुलिस को। पेपर पर लिखकर बात करने की कोशिश की तो उसने बिहार की भाषा में लिख दिया, जो पुलिस की समझ से परे थी।
द्विभाषीय ने की काउंसलिंग, तब हुई पहचान
राजस्थान पत्रिका ने राजस्थान पुलिस बधिर सहायता केंद्र से काउंसलर कमलेश और तरुण को जवाहर सर्किल थाने भिजवाया। दोनों ने युवक की काउंसङ्क्षलग की। तब पता चला कि युवक बिहार निवासी हाल मालवीय नगर श्रीधर (22) है। वह अपनी बहन संध्या के साथ 13 सेक्टर में रहता है। वह नशे का आदी है और बहन से घर पर झगड़ा करके रेलवे लाइन पर मरने चला गया। कुछ समय बाद बहन संध्या थाने आई। बहन ने बताया कि भाई आए दिन झगड़ा करता है और रेलवे लाइन पर चला जाता है। युवक ने बाद में माफी मांगी।
राजस्थान पत्रिका ने राजस्थान पुलिस बधिर सहायता केंद्र से काउंसलर कमलेश और तरुण को जवाहर सर्किल थाने भिजवाया। दोनों ने युवक की काउंसङ्क्षलग की। तब पता चला कि युवक बिहार निवासी हाल मालवीय नगर श्रीधर (22) है। वह अपनी बहन संध्या के साथ 13 सेक्टर में रहता है। वह नशे का आदी है और बहन से घर पर झगड़ा करके रेलवे लाइन पर मरने चला गया। कुछ समय बाद बहन संध्या थाने आई। बहन ने बताया कि भाई आए दिन झगड़ा करता है और रेलवे लाइन पर चला जाता है। युवक ने बाद में माफी मांगी।