राष्ट्र को सक्षम, समर्थ एवं समृद्ध बनाने के लिए महान आध्यात्मिक प्रयोग के रूप में हो रहे 1008 कुंडीय अश्वमेध गायत्री महायज्ञ में गायत्री परिवार राजस्थान को भोजनालय संचालन की जिम्मेदारी मिली है। गायत्री परिवार राजस्थान जोन के प्रभारी जयसिंह यादव अपनी टीम के साथ कई दिनों से मुंबई में ही डेरा डाले हुए हैं। उनके निर्देशन में वहां तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अगले सप्ताह से अन्य कार्यकर्ताओं के जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अश्वमेधिक अनुष्ठान से जन मानस को आध्यात्मिक आहार मिलेगा। भारतीय संस्कृति के मानदंडों के अनुरूप अश्वमेध गायत्री महायज्ञ के सारी गतिविधियां संचालित होंगी।
राजस्थानी थीम पर होगी भोजनालय की सजावट
गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि मुंबई अश्वमेध महायज्ञ में राजस्थान की आन-बान-शान की झलक झांकी देखने को मिलेगी। राजस्थान के भोजनालय को राजस्थानी थीम पर सजाया जाएगा। भोजनालय में राजस्थान के वीर महापुरुष, किले, महल भी देखने को मिलेंगे। श्रद्धालुओं को राजस्थानी पगड़ी पहनकर भोजन परोसा जाएगा।
देश—विदेश से शामिल होंगे लाखों लोग
इस यज्ञ के पीछे गायत्री परिवार का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र के विकास के साथ-साथ संपूर्ण मानव जाति के उत्थान का है। अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर में जो उत्साह का माहौल है, इस महायज्ञ से वह गई गुणा बढ़ जाएगा। महायज्ञ के दौरान लघु भारत का स्वरूप रहेगा। देश ही नहीं विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें भागीदारी करेंगे।
राष्ट्र निर्माण का नाम है अश्वमेध
अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या का कहना है कि अश्वमेध महायज्ञ राष्ट्र की सुख, शांति और समृद्धि बढ़ाने वाला एक भव्य आध्यात्मिक प्रयोग है। यह संपूर्ण राष्ट्र के सूक्ष्म वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जा रहा है। इसका उद्देश्य जनता की सुप्त बौद्धिक प्रतिभा को जागृत करना है। जागृत मानव मेधा समाज और उसके शासन के तरीकों को सुधारने में मदद करेगी और इस धरती को स्वर्ग में बदल देगी।