जयपुर

Hinglaj Mata: राजस्थान में भी हैं अष्टधातु की हिंगलाज माता, दर्शन से दूर हो जाते हैं सारे संकट

Ashtadhatu Hinglaj Mata Temple Rajasthan जयपुर की आराध्यदेवी आमेर की शिला माता के दरबार पहुंच रहे भक्त अष्टधातु की हिंगलाज माता के दर्शन भी कर रहे है।

जयपुरSep 26, 2022 / 03:05 pm

Girraj Sharma

Hinglaj Mata: शिला माता के दरबार अष्टधातु की हिंगलाज माता के दर्शन से दूर हो जाते हैं सारे संकट

Ashtadhatu Hinglaj Mata Temple Rajasthan जयपुर। आराध्यदेवी आमेर की शिला माता के दरबार पहुंच रहे भक्त अष्टधातु की हिंगलाज माता के दर्शन भी कर रहे है। आमेर महल के जलेब चौक में बनें मंदिर में शिला माता के साथ हिंगलाज माता भी मौजूद है। शिला माता के बाई ओर अष्टधातु की हिंगलाज माता प्रतिष्ठित है। जो भी यहां आता है, उन्हें माता रानी के दिव्य दर्शन हो रहे है। जिन पर भी माता का आशीर्वाद रहा है, उनके हर संकट दूर हो जाते है। अब दिन-प्रतिदिन माता की आस्था बढती ही जा रही हैं।
शिला माता मंदिर का मुख्य द्वार चांदी का बना हुआ है। इस पर नवदुर्गा शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री विराजित है, वहीं दस महाविद्याओं के रूप में काली, तारा, षोडशी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर, भैंरवी, धूमावती, बगुलामुखी, मातंगी और कमला भी विराजित है। दरवाजे के ऊपर लाल पत्थर की गणेशजी की मूर्ति प्रतिष्ठित है।
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महिषासुर मर्दिनी के रुप में प्रतिष्ठित…
शिला माता महिषासुर मर्दिनी के रुप में प्रतिष्ठित है। शिला देवी महिषासुर को एक पैर से दबाकर दाहिने हाथ के त्रिशूल मार रही है। इस मूर्ति के ऊपरी भाग में बाएं से दाएं तक अपने वाहनो पर आरुढ गणेश, ब्रह्मा, शिव, विष्णु व कार्तिकेय की मूर्तियां है। शिलादेवी की दाहिनी भुजाओं में खडग, चक्र, त्रिशूल, तीर और बाई भुजाओं में ढाल, अभयमुद्रा, मुण्ड, धनुष है।

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