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जयपुर

HBD Ashok Gehlot : जादूगरी, पार्ले-जी बिस्किट और चाय की ‘तलब’ तक, क्या आप जानते हैं अशोक गहलोत से जुड़ी ये 20 दिलचस्प बातें?

गहलोत का जन्म आज ही के दिन 1951 को पिता लक्ष्मण सिंह गहलोत और मां सेवा देवी के घर जोधपुर में हुआ था। उनके के पिता लक्ष्मण सिंह पेशे से एक जाने-माने जादूगर थे।

जयपुरMay 03, 2024 / 11:11 am

Nakul Devarshi

ashok gehlot happy birth day
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जन्मदिन पर आज उन्हें व्यक्तिगत और वर्चुअल बधाइयां और शुभकामनाएं दी जा रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तो आज सुबह से बधाइयों का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि कुछ वक्त बाद ही वे ट्रेंड करने लग गए।

गहलोत को जन्मदिन पर बधाई देने वालों में कांग्रेस के अलावा भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेता और विभिन्न क्षेत्रों की शख्सियतें भी शामिल रहीं। गौरतलब है कि गहलोत का जन्म आज ही के दिन 1951 को पिता लक्ष्मण सिंह गहलोत और मां सेवा देवी के घर जोधपुर में हुआ था। उनके के पिता लक्ष्मण सिंह पेशे से एक जाने-माने जादूगर थे। 

Interesting and unknown facts of Chief Minister Ashok Gehlot

– पूर्वजों का पेशा जादूगरी था। उनके पिता स्व. लक्ष्मण सिंह गहलोत खुद एक जादूगर थे। अशोक गहलोत ने भी अपने पिता से ही जादू सीखा था और कुछ दिन जादूगरी भी की थी।
– बचपन में पिताजी के साथ जादू दिखाने जाना और घूमना-फिरना बहुत पसंद था। स्कूल के दिनों में भी पिता के साथ जादू दिखाने जाया करते थे। उन्होंने खुद भी पिता से जादूगरी के कई टिप्स लिए।

– जादूगरी पेशे से जुड़े होने के कारण स्कूल में उनका खूब मजाक भी उड़ाया जाता था। ऐसे में उनका जादू का सफ़र ज़्यादा नहीं चला और उन्होंने इस पेशे से दूरी बना ली। शायद वो अपने नसीब में पहले ही लिखवाकर लाये थे कि वो आगे चलकर सियासत के जादूगर की भूमिका निभायेंगे।
– विज्ञान और कानून में स्नातक और अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्‍त की। 

– उनका विवाह 27 नवंबर, 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। गहलोत के एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत हैं।
– उनकी छवि बेहद लो प्रोफाइल राजनेता पर सियासत के दिग्गज नेता के तौर पर है। कहा जाता है कि वे अपनी टीम में भी लो प्रोफाइल अफसरों को रखना पसंद करते हैं।

– कम लोग ही जानते हैं कि वे अपनी गाड़ी में हमेशा पारले-जी बिस्किट रखकर चलते हैं।
– चाय के शौकीन गहलोत तलब होने पर सड़क किनारे किसी थड़ी में रूककर भी चाय पी लिया करते हैं।

– विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में गहलोत की रुचि हो गई थी। तभी से वे समाज सेवा भी करने लगे थे।
– वे 1973 से 1979 में कांग्रेस के छात्र संगठन में रहे। वे NSUI के राजस्थान प्रेसिडेंट भी रहे।

– राजस्थान का तीन बार मुख्यमंत्री रहने का गौरव हासिल है। वे 1998-2003, 2008-2013 और 2018-2023 तक मुख्यमंत्री रहे 
– वे हाल ही में एक ही विधानसभा क्षेत्र से छठी बार विधायक बने हैं। सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से गहलोत 11वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं और 16वीं राजस्थान विधानसभा के दौरान निर्वाचित हुए हैं। 
– उन्हें तीन बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष रहने का गौरव प्राप्त हुआ।

– 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया
– इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पी.वी.नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रहे, वे तीन बार केंद्रीय मंत्री बने

– जब इन्दिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं उस समय अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद वे खेल उपमंत्री बनें।
– वे केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री भी बने, यह मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री के पास था तथा गहलोत को इसका स्‍वतंत्र प्रभार दिया गया।

– गहलोत राजस्थान सरकार में गृह तथा जन स्‍वास्‍थ्‍य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री भी रहे।
– वे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, कई राज्यों के चुनाव प्रभारी, कांग्रेस की यूथ विंग एनएसयूआई अध्यक्ष, विशेष आमंत्रित सदस्य के सतह ही कई वरिष्ठ पदों पर नियुक्त किये गए।

– महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च के 75 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस एवं महात्‍मा गांधी फाउंडेशन की ओर से आयोजित दांडी यात्रा के समन्वयक के रूप में कार्य किया।

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