इसमें साफ कहा गया है कि अक्रियाशील और बुरे हाल में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में मूलभूत सुविधाओं समेत भवन की मरम्मत कराई जाए। इतना ही नहीं इसकी रिपोर्ट तैयार कर जल्द से जल्द विभाग को सौंपी जाए। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेशभर में लगभग सभी परियोजनाओं के अंतर्गत चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को पिछले साल अगस्त माह में निर्देश जारी किए थे।
इसके अनुसार संबंधित जिला अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारी, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा सहयोगिनी, सहायिकाएं और साथिनों को अपने स्तर पर अपने क्षेत्र के ऐसे केंद्रों की जांच करने को कहा गया था जो कई समय से बंद पड़े है और ऐसे केंद्र जो खुले तो है लेकिन बच्चे नहीं आ रहे हैं या फिर ऐसे केंद्र जिनमें जरुरी सुविधाएं जैसे पीने का पानी, शौचालय, खेल का मैदान और गुणवत्तायुक्त पोषाहार नहीं है।
पंचायत शिविर में भी दिए थे निर्देश
विभाग की तरफ से पंचायत शिविर लगाए जा रहे है। इन शिविरों के माध्यम से कई बार अक्रियाशील केंद्रों को शत प्रतिशत क्रियाशील करने के निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। इतना ही नहीं निदेशालय स्तर पर हर महीने होने वाली विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भी अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी गई फिर भी इन केंद्रों से जवाब नहीं मिला।