16 मई से ग्रीष्मावकाश शुरू होगा, इसके बाद अगले सत्र में ही संभवत: चाइल्ड केयर लीव शुरू की जाएगी। इस निर्णय के विरोध में शिक्षक संगठन आ गए हैं। शिक्षकों के विरोध पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि ऐसे कोई आदेश तो नहीं आए हैं, लेकिन परीक्षाओं के समय विवशता है कि हम छुट्टी नहीं दे सकते।
बताया जा रहा है कि हाल ही शिक्षा विभाग की आयोजित वीसी में शिक्षा सचिव की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई शिक्षिका और अन्य महिला कार्मिक ने पूर्व में सीसीएल स्वीकृत करवा रखी है, तो सीसीएल निरस्त कर स्कूल बुलाया जाए। कई महिला कार्मिकों का कहना है कि उनके बच्चों की उम्र अगले सत्र तक 18 वर्ष पार हो जाएगी। ऐसे में उन्हें सीसीएल का लाभ नहीं मिल पाएगा।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए 120 दिन ही मिलते हैं। कई कारणों से कक्षाएं नहीं लग पातीं। हमने सीसीएल लीव स्थगित नहीं की है, ऐसे आदेश भी नहीं आए हैं, लेकिन ऐसे समय पर अवकाश मांगे जाते हैं जब परीक्षाएं चलती हैं, तो देखना पड़ता है। हमें परीक्षा से पहले अतिरिक्त कक्षाएं भी लगानी होनी हैं। हमें अधिक शिक्षक चाहिए।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा है कि कई महिला कार्मिकों ने सीसीएल या पीएल अवकाश ले रखे हैं। उनके अवकाश को निरस्त कर ड्यूटी ज्वाइन करने आदेश गलत है। शिक्षा विभाग राज्य सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर रहा है। राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता नारायण सिंह सिसोदिया ने कहा है कि जब से सरकार बनी है, मंत्री व अधिकारी शिक्षकों को प्रताडि़त कर रहे हैं। छुट्टियां रद्द करके उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है।