ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि सूर्यदेव की प्रसन्नता के लिए रविवार को सूर्यपूजा जरूर करनी चाहिए। रविवार को भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखा जाता है। इस दिन जो भी विधि विधान से सूर्य देव की उपासना तथा व्रत नियमित रूप से करते हैं उन्हें जीवन में सफलता मिलती है. राजनीति और सरकारी कामकाज में तो सूर्यदेव का आशीर्वाद बहुत जरूरी है। शासन तंत्र का हिस्सा बनने के लिए, सरकारी कामकाज पूरा कराने के लिए सूर्य भगवान की आराधना सर्वोत्तम मानी गई है। खास बात तो यह है कि सरकारी पद प्रतिष्ठा और जीवन में मानसम्मान भी सूर्यदेव के कारण ही मिलता है. यश—प्रतिष्ठा के कारक भी सूर्य ही हैं. ज्योतिष शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि सूर्य देव की कृपा के बिना सरकारी पद प्रतिष्ठा या मानसम्मान मिलना संभव ही नहीं है।
40 दिनों तक तीन बार नियमित पाठ करें
यदि आप भी जीवन में मानसम्मान चाहते हैं, सबकुछ होते हुए भी यश—प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं हो रही है तो सूर्यदेव की कृपा प्राप्त करना आपके लिए जरूरी है. इसका सबसे अच्छा उपाय है— आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार आदित्य हृदय स्तोत्र के तीन पाठ रोज सुबह 40 दिनों तक करें। संभव हो तो शुक्ल पक्ष के पहले रविवार ब्रहृममुहुर्त में उठकर स्नान कर इसे शुरू करें. सुबह जल्द उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें, तांबे के पात्र में जल लेकर उसमें पुष्प और चंदन डालकर अर्घ्य दें। सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय गायत्री मंत्र का जप करें. इसके बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। यह पाठ तीन बार करें। हर बार पाठ समाप्ति के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसमें करीब आधा घंटा लगेगा। पंडित नागर बताते हैं कि नियमित रूप से किया गया यह पाठ चमत्कारिक परिणाम देता है। पाठ पूर्ण होते ही सूर्यदेव की कृपा से शुभ फलों की प्राप्ति होने लगेगी, आपका मान—सम्मान बढने लगेगा।
यदि आप भी जीवन में मानसम्मान चाहते हैं, सबकुछ होते हुए भी यश—प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं हो रही है तो सूर्यदेव की कृपा प्राप्त करना आपके लिए जरूरी है. इसका सबसे अच्छा उपाय है— आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार आदित्य हृदय स्तोत्र के तीन पाठ रोज सुबह 40 दिनों तक करें। संभव हो तो शुक्ल पक्ष के पहले रविवार ब्रहृममुहुर्त में उठकर स्नान कर इसे शुरू करें. सुबह जल्द उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें, तांबे के पात्र में जल लेकर उसमें पुष्प और चंदन डालकर अर्घ्य दें। सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय गायत्री मंत्र का जप करें. इसके बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। यह पाठ तीन बार करें। हर बार पाठ समाप्ति के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसमें करीब आधा घंटा लगेगा। पंडित नागर बताते हैं कि नियमित रूप से किया गया यह पाठ चमत्कारिक परिणाम देता है। पाठ पूर्ण होते ही सूर्यदेव की कृपा से शुभ फलों की प्राप्ति होने लगेगी, आपका मान—सम्मान बढने लगेगा।