बड़ी संख्या में लोग इस प्रदर्शनी को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। और बच्चों के कौशल के कायल हो रहे हैं। बच्चों की अभिव्यक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने लॉकडाउन में पैदल चलते मजदूरों का दर्द हो या फिर खाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोगों की तरफ बढ़ते मदद के हाथों की पेटिंग बनाकर इस विषम परिस्थिति को भी प्रभावी तरीके से दर्शाया।
इससे पहले एग्जिबिशन के उद्घाटन समारोह में पहुंचे शिक्षा, कला एवं संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने भी बच्चों की क्रिएटिविटी की ना सिर्फ जमकर तारीफ की। बल्कि उनके साथ गेम्स खेलकर बच्चों के रंग में रंगे नजर आए। डिजिटल बाल मेले की जाह्नवी शर्मा ने बताया कि एग्जिबिशन की खास बात ये है कि इसमें सभी पेंटिंग कोविड से जुड़ी है। बच्चों ने कोविड से जुड़ी जानकारियां और बचाव के उपाय अपनी पेंटिंग्स में बताए हैं। गौरतलब है कि बाल मेला के तहत 14 नवंबर को राजस्थान विधानसभा में देश की पहली बाल विधानसभा भी आयोजित की गई थी। जिसमें बच्चों की राजनेताओं की भूमिका अदा कर ये बताया था कि बच्चों की सरकार कैसी हो।