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जगदलपुर

World Cycling Day: साइकिलिंग फिटनेस से जुनून तक… बस्तर के लड़के ने बनाया वर्ल्ड रिकार्ड

World Cycling Day: बस्तर में दो लोगों ने इसे प्रोफेशन के तौर पर लिया और इतिहास रच दिया। बस्तर के साइकिल बॉय माने जाने वाले आसिफ ने तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया।

जगदलपुरJun 03, 2024 / 05:04 pm

Kanakdurga jha

World Cycling Day: कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन से परेशान लोगों ने बेहतर सेहत के लिए साइक्लिंग शुरू की थी। हालांकि लॉक डाउन हटते ही इसका क्रेज कम जरूर हो गया, लेकिन बस्तर में दो लोगों ने इसे प्रोफेशन के तौर पर लिया और इतिहास रच दिया। बस्तर के साइकिल बॉय माने जाने वाले आसिफ ने तो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया। वह भी एक नहीं बल्कि दो-दो।
वहीं दूसरी तरफ विजय अहलूवालिया एक ऐसा नाम है जो साइकिल चलाने का पागलपन के लिए जाने जाते हैं। वे अब तक 20 हजार किमी साइकिल चला चुके हैं। इस बीच हादसा भी हुआ, लेकिन साइकिल चलाने का ऐसा जूनून सवार हुआ कि इसके दो महीने बाद ही मैदान में उतर गए और अब तक 6 हजार किमी साइकिल चला दिया। वहीं क्रांतिकारी रूप से अपने वजन को भी कम किया वह भी बिना कोई सप्लीमेंट लिए।

48 दिन में 33 किलो वजन कम किया

कोरोनाकाल तक करीब 108 किलो वजनी विजय अहलूवालिया की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। कोरोनाकाल में ही उन्होंने साइक्लिंग शुरू की थी। कुछ दिनों बाद यह उनका जूनून बन गया। इस तरह उन्होंने 48 दिन के अंदर 33 किग्रा वजन कम किया और तब से वे 72 किग्रा के हैं। इतना ही नहीं अब तक वे 20 हजार किमी से अधिक साइकिल चला चुके हैं जिसमें सबसे लंबी दूरी में 312 किमी एक बार, 200 किमी 4 बार, 100 किमी 12 बार, 50 किमी करीब 170 बार साइकिल चला चुके है। अब कोई ऐसा दिन नहीं गुजरता की जब वह शहर में हों और 20 किमी से कम साइकिल चलाते हों।

दो वर्ल्ड रिकार्ड किए अपने नाम

शहर के गुरुघासीदास वार्ड कुम्हारपारा में रहने वाले बस्तर में साइकिलिंग बॉय के नाम से मशहूर आसिफ खान 34 वर्ष के हैं। साइकिलिंग को पेशे के रूप में नहीं बल्कि सिर्फ फिटनेस के रूप में कोरोनाकाल में शुरू किया था। धीरे-धीरे यह हॉबी बन गई। रोजाना 40 किमी की प्रैक्टिस करते-करते दोस्त ने उनकी रफ्तार की तुलना वर्ल्ड रिकार्ड से करके बनाई।
आसिफ ने पत्रिका को बताया कि उन्होंने पिछले रिकार्ड जिसमें 24 घंटे में 280 किमी का है। इसे महाराष्ट्र के प्रसाद एरांदे ने बनाया था। वहीं दूसरा 12 घंटे में करीब इतनी ही दूरी का का रिकार्ड तोडऩे का लक्ष्य रखा था। तैयारी के बाद इन दोनों को ही लक्ष्य को हासिल कर लिया। इसके लिए शहर के सभी लोगों ने मदद की। जिसमें समाजसेवी संगठन से लेकर अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि लक्ष्य हासिल करके सभी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम को भेज दिया गया है। अब सर्टिफिकेट का ही इंतजार है।

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