जगदलपुर

खुशी से झूम उठे आदिवासी… महंगा हुआ तेंदूपत्ता, संग्राहकों को मिलेगा 1 अरब 48 करोड़ 83 लाख रुपए

Chhattisgarh Government: राज्य सरकार ने इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4 हजार की राशि को 5 हजार 5 सौ रूपए कर दिया है इसके चलते संग्राहकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।

जगदलपुरMar 30, 2024 / 12:11 pm

Kanakdurga jha

Tendu Patta Collection in Bastar: बस्तर में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 20 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। इसके लिये राजय सरकार ने लघु वनोपज समितियों और तेंदूपत्ता संग्राहक समितियों को प्रशिक्षण दे रही है। राज्य सरकार ने इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4 हजार की राशि को 5 हजार 5 सौ रूपए कर दिया है इसके चलते संग्राहकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
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4 हजार से बढ़कर हुआ 5.5 हजार प्रति मानक बोरा: नव निर्वाचित विष्णुदेव सरकार द्वारा प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहकों को अपने वादे के अनुसार चार हजार प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5 हजार 5 सौ रूपए कर दिया है। सरकार के इस घोषणा से तेंदूपत्ता संग्राहकों में उत्सव का माहौल है और वे बड़ी बेसब्री से तेंदूपत्ता संग्रहण के लिये इंतजार कर रहे हैं। सरकार द्वारा दिये गये संग्रहण लक्ष्य को पार करने पर बस्तर में तेंदूपत्ता संग्रहण के बदले संग्राहकों को लगभग एक अरब 48 करोड़ 83 लाख रूपये मिलने वाले हैं।
इस वर्ष बस्तर को मिलेंगे एक अरब से अधिक राशि

राज्य सरकार ने अपने वादे के मुताबिक इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4 हजार से बढ़ाकर 5 हजार 500 रूयए कर दिया है। इस वर्ष बस्तर संभाग में इस वर्ष 2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा संग्रहण का लक्ष्य रखा है। अगर मौसम अच्छा रहा और तेंदूपत्ता संग्राहकों द्वारा यह लक्ष्य पूरा कर लिया जाता है तो इस साल बस्तर में करीब एक अरब रूपये से ज्यादा का भुगतान होने का अनुमान है। इस बात का अंदाजा इसलिए लगाया जा रहा है कि वर्ष 2022 में सरकार ने 86 करोड़ रूपयों का भुगतान किया था। इस बार बढ़े लक्ष्य को पूरा करने पर यह राशि बढ़ जाने की संभावना है।
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हरा सोना के रूप में मशहूर है तेंदूपत्ता

तेंदूपत्ता को हरा सोना से भी अधिक कीमती माना जाता है। संग्राहक तेंदूपत्ता को सहेजने केे लिए पूरे परिवार के साथ जुटा रहता है। इसके पत्तों को तोड़कर सुखाने के बाद 50-50 पत्ते का गड्डी बनाते हैं। इसके एक हजार गड्डियों को मिलाकर एक मानक बोरा बनाते हैं। सरकार साढ़े हजार रूपये प्रति मानक बोरा भुगतान करती है। यही वजह है कि इसकी आमदनी से आदिवासियों के जीवन में खुशहाली देखा जा सकता है। तेंदूपत्ता सोना चांदी के व्यापार की तरह होता है जो अच्छी बिक्री के आधार पर बोनस भी देता है। तेंदूपत्ता संग्रहण आदिवासियों की आय का एक प्रमुख जरिया है।

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