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Chhattisgarh Special Animals : बैलाडीला की पहाड़ियों में इससे पहले 2022 में माउस डियर भी देखे गए हैं। यह सांप हल्के विषैले होते हैं । इनका मुख्य आहार पेड़ों पर रहने वाले छोटे जीव तथा पक्षी होते हैं। इस सांप को बैलाडीला के बचेली परियोजना के 10,11 स्क्रीनिंग प्लांट के पास प्राणी संरक्षण कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा देखा गया। व रेस्क्यू किया गया।
जिसके बाद मध्यप्रदेश के जीव विज्ञानी विवेक शर्मा की सहायता से इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया गया। हरपेआलाजिकल रिव्यू नामक योरोपीय जर्नल जो विश्व भर में सरीसृपो की नई प्रजातियों की खोज को प्रकाशित करता हैं। उसमें इस सर्प का जिक्र प्रकाशित किया गया है।
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पहली बार इस प्रजाति का सांप मिला
2022 में बैलाडिला की पहाड़ियों में हमे पहली बार इस प्रजाति का साँप मिला । जब भी कोई ऐसा नया स्पाइस मिलता है तो इंटरनेशनल लेवल पर उसकी जांच करवानी होती है। उसकी फोटो भेजनी पड़ती है । वहां से जब उसको हरी झंडी मिलती है तब ये साफ होता है कि ये किस प्रजाति का साँप है। उसके रिपोर्ट आने में एक वर्ष का समय लग गया। हमने हर एंगल से साँप की तस्वीर ली। यह फ़ोटो हमने रायपुर भेजी वहां से योरोप गई और फिर सिंगापुर नाम की मैगजीन में यह हमारे नाम के साथ छापी गई।
– अमित मिश्रा, अध्यक्ष, प्राणी संरक्षण कल्याण समिति