Pitru Paksha 2024: सर्वपितृ अमावस्या का खास महत्व
आश्विन कृष्ण अमावस्या के दिन सर्वपितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी ज्ञात अज्ञात पितरों का श्राद्ध किए जाते हैं। जिनकी मृत्यु की तिथी मालूम न हो उसकी भी तर्पण कर पितृऋण से मुक्त होने का अवसर होता है। यही वजह है कि इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है।अमावस्या को साल का अंतिम सूर्यग्रहण
सर्वपितृ अमावस्या के दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। 2 अक्टूबर को अमावस्या के दिन पितृपक्ष का अंतिम तिथि भी है। भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देने के चलते सूर्य ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा। यही वजह है कि इन दिन देवालयों में नदी पोखरों में विधी पूवर्क पूजन और क्योंकि, क्या सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने वाला है, जिसके कारण प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। यह भी पढ़ें