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वहीं जिला प्रशासन की ओर से केन्द्रों में पड़े धान पर कैप कवर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए समितियों को तिरपाल उपलब्ध कराया गया है ताकि धान में पानी लगने से बचाया जा सके। छिटपुट बारिश से धान को नुकसान नहीं होगा, लेकिन आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग की ओर से बारिश की चेतावनी दी गई है। ऐसे में किसान फसल को लेकर चिंतित हैं। वहीं अत्याधिक बारिश में कैप कवर लगाने के बाद भी धान को नुकसान पहुंच सकता है। मार्कफेड के जिला विपणन अधिकारी राजेन्द्र ध्रुव का कहना है कि संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव शुरू कर जाएगा। खराब मौसम के मद्देनजर केंद्रों में सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। धान की क्वालिटी खराब होने का खतरा नमीयुक्त किसानों को धान छानकर निकालना पड़ रहा है। पानी में भीग जाने से अब धान की क्वालिटी न सिर्फ खराब होगी, बल्कि उसकी कटाई महंगी पड़ेगी, क्योंकि धान के जमीन पर गिर जाने की वजह से अब उसकी मशीन से कटाई नहीं हो सकेगी। उसे श्रमिक ही निकाल पाएंगे। वहीं नमी के चलते धान खरीदी भी रिजेक्ट की जा सकती है।