Nagarnar Steel Plant Privatised: बैलाडीला लौह अयस्क खदान का जायजा
दिनभर दोनों अफसरों ने प्लांट का कामकाज देखा और अधिकारियों की बैठक भी ली। बताया जा रहा है कि शनिवार को वे बैलाडीला लौह अयस्क खदान का जायजा लेंगे। इसके बाद जगदलपुर होते हुए विशेष विमान से दिल्ली लौट जाएंगे। निजीकरण की चर्चाओं के बीच दोनों अफसरों का दौरा बहुत कुछ कह रहा है। हालांकि अफसरों ने श्रमिक यूनियनों से शुक्रवार को प्लांट में मुलाकात करते हुए कहा कि निजीकरण के संबंध में उन्होंने कोई जानकारी नहीं है और वे रूटीन दौरे के तहत यहां आए हैं। संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन एटक के अध्यक्ष संतराम सेठिया ने बताया कि उनके संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को अफसरों से मुलाकात की लेकिन दोनों ने निजीकरण पर कुछ भी नहीं कहा।
यह भी पढ़ें
देश को समर्पित होने के लिए सज रहा नगरनार स्टील प्लांट
सीएमडी कह रहे- निजीकरण हुआ तो एनएमडीसी में अडजस्ट करेंगे
शुक्रवार को प्लांट के श्रमिक संगठनोें ने जब एनएमडीसी के सीएमडी से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि मुझे अभी निजीकरण के संबंध में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन आगे अगर ऐसी कोई स्थिति बनी तो भूप्रभावित सभी श्रमिकों और कर्मचारियों को एनएमडीसी में अडजस्ट किया जाएगा किसी की नौकरी नहीं जाएगी। हालांकि संगठन कह रहे हैं कि यह सिर्फ आश्वासन है। इससे पहले भी एनएमडीसी ने लिखित में यह बात दी थी। अगर प्लांट का निजीकरण हो गया तो एनएमडीसी की क्या भूमिका रहेगी इस पर भी अफसरों को जवाब देना चाहिए।
बस्तर के आदिवासियों ने अपनी जमीन दी
Nagarnar Steel Plant Privatised: प्लांट के निजीकरण के संबंध में चर्चा करने के लिए सरपंच संघ भी अफसरों से मुलाकात करना चाहता था लेकिन पहले उन्हें प्लांट के गेट पर ही रोक दिया गया फिर संघ के अध्यक्ष और नगरनार के सरपंच लैखन बघेल समेत चार सदस्यों ने अफसरों से मुलाकात की निजीकरण नहीं करने कहा। लैखन बघेल ने इससे पहले प्लांट के गेट पर कहा कि प्लांट के लिए बस्तर के आदिवासियों ने अपनी जमीन दी है। निजीकरण किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। हालांकि संघ से भी अफसरों ने यही कहा कि उन्हें निजीकरण की कोई जानकारी नहीं है।