हैदराबाद से आज ही पहुंच जाएंगे सीएमडी व अन्य अफसर
बताया जा रहा है एनएमडीसी के सीएमडी अमिताव मुखर्जी व अन्य प्रमुख अधिकारी आज दोपहर तक नगरनार पहुंच सकते हैं। अधिकारी यहां पहुंचते ही सबसे पहले लोकार्पण से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेंगे। इसके अलावा एक प्रमुख बैठक भी कल संभावित है। इस बैठक में 3 अक्टूबर के कार्यक्रम को लेकर कुछ जरूरी निर्णय लिए जा सकते हैं। लोकार्पण के वक्त प्रोडक्शन को किस तरह से प्रस्तुत किया जाएगा इसे लेकर बैठक में चर्चा संभावित है।
बताया जा रहा है एनएमडीसी के सीएमडी अमिताव मुखर्जी व अन्य प्रमुख अधिकारी आज दोपहर तक नगरनार पहुंच सकते हैं। अधिकारी यहां पहुंचते ही सबसे पहले लोकार्पण से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेंगे। इसके अलावा एक प्रमुख बैठक भी कल संभावित है। इस बैठक में 3 अक्टूबर के कार्यक्रम को लेकर कुछ जरूरी निर्णय लिए जा सकते हैं। लोकार्पण के वक्त प्रोडक्शन को किस तरह से प्रस्तुत किया जाएगा इसे लेकर बैठक में चर्चा संभावित है।
पिछले महीने ही प्लांट में शुरू हो गया था हॉट रोल्ड क्वाइल का प्रोडक्शन
नगरनार स्टील प्लांट में पिछले महीने 21 अगस्त को प्लांट की कमीशनिंग के आखिरी चरण की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इस चरण में स्टील मेल्टिंग शॉप की कमीशनिंग की प्रक्रिया के बाद पहली खेप में 195 टन स्टील बनाने में सफलता मिली थी। इसके नौ दिन के बाद प्लांट में हॉट रोल्ड क्वाइल बनना भी शुरू हो गया था। यहां के स्टील से देशभर में सिलेंडर से लेकर जहाज तक बनेंगे। अब तक बस्तर का लोहा देश-विदेश में जाया करता था लेकिने प्लांट की स्थापना के साथ अब यहीं का लोहा यहीं गलेगा और उससे स्टील के उत्पाद तैयार होंगे।
नगरनार स्टील प्लांट में पिछले महीने 21 अगस्त को प्लांट की कमीशनिंग के आखिरी चरण की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इस चरण में स्टील मेल्टिंग शॉप की कमीशनिंग की प्रक्रिया के बाद पहली खेप में 195 टन स्टील बनाने में सफलता मिली थी। इसके नौ दिन के बाद प्लांट में हॉट रोल्ड क्वाइल बनना भी शुरू हो गया था। यहां के स्टील से देशभर में सिलेंडर से लेकर जहाज तक बनेंगे। अब तक बस्तर का लोहा देश-विदेश में जाया करता था लेकिने प्लांट की स्थापना के साथ अब यहीं का लोहा यहीं गलेगा और उससे स्टील के उत्पाद तैयार होंगे।
दो बार रखी गई आधारशिला, भिलाई के बाद दूसरा एकीकृत प्लांट
नगरनार में स्टील प्लांट की स्थापना के लिए दो बार आधारशिला रखी गई। पहली बार 23 सितंबर 2003 को तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने और दूसरी बार तीन सितंबर 2008 को तत्कालीन स्टील मिनिस्टर रामविलास पासवान ने नगरनार आकर आधारशिला रखी थी। नगरनार स्टील प्लांट सरकारी क्षेत्र का प्रदेश का दूसरा एकीकृत इस्पात संयंत्र होगा। भिलाई स्टील प्लांट की मौजूदा उत्पादन क्षमता 3.9 मिलियन टन सालाना है, जिसे विस्तारित कर 6.9 मिलियन टन तक ले जाने की योजना है। नगरनार में रोमेल्ट तकनीकी पर आधारित स्टील प्लांट के लिए 23 सितंबर 2003 को तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने आधारशिला रखी थी। बाद में रूस से रोमेल्ट तकनीकी नहीं मिलने पर दोबारा तीन सितंबर 2008 को तत्कालीन स्टील मिनिस्टर रामविलास पासवान ने नगरनार आकर आधारशिला रखी थी।
नगरनार में स्टील प्लांट की स्थापना के लिए दो बार आधारशिला रखी गई। पहली बार 23 सितंबर 2003 को तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने और दूसरी बार तीन सितंबर 2008 को तत्कालीन स्टील मिनिस्टर रामविलास पासवान ने नगरनार आकर आधारशिला रखी थी। नगरनार स्टील प्लांट सरकारी क्षेत्र का प्रदेश का दूसरा एकीकृत इस्पात संयंत्र होगा। भिलाई स्टील प्लांट की मौजूदा उत्पादन क्षमता 3.9 मिलियन टन सालाना है, जिसे विस्तारित कर 6.9 मिलियन टन तक ले जाने की योजना है। नगरनार में रोमेल्ट तकनीकी पर आधारित स्टील प्लांट के लिए 23 सितंबर 2003 को तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने आधारशिला रखी थी। बाद में रूस से रोमेल्ट तकनीकी नहीं मिलने पर दोबारा तीन सितंबर 2008 को तत्कालीन स्टील मिनिस्टर रामविलास पासवान ने नगरनार आकर आधारशिला रखी थी।
प्लांट में 35 से 40 हजार लोगों के लिए और पैदा होंगे रोजगार के अवसर
नगरनार स्टील प्लांट में वर्तमान में 1700 अफसर-कर्मी को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त है जबकि इसका तीन गुना लोग अप्रत्यक्ष रोजगार से जुड़े हैं। प्लांट चलाने के लिए प्रथम चरण में लगभग सात हजार अफसर-कर्मियों की जरूरत होगी। एक अनुमान के अनुसार प्लांट से क्षमता के अनुरूप उत्पादन शुरू होने पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 35 से 40 हजार लोगों को और रोजगार मिलेगा।
नगरनार स्टील प्लांट में वर्तमान में 1700 अफसर-कर्मी को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त है जबकि इसका तीन गुना लोग अप्रत्यक्ष रोजगार से जुड़े हैं। प्लांट चलाने के लिए प्रथम चरण में लगभग सात हजार अफसर-कर्मियों की जरूरत होगी। एक अनुमान के अनुसार प्लांट से क्षमता के अनुरूप उत्पादन शुरू होने पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 35 से 40 हजार लोगों को और रोजगार मिलेगा।