यह भी पढ़ें : Priyanka Gandhi Visit Chhattisgarh : प्रियंका गांधी इस दिन आएंगी छत्तीसगढ़, महिला सम्मेलन के कार्यक्रम में होंगी शामिल मुफ्त में मिले थे गरीबों को कनेक्शन प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में चूल्हे पर उपले और लकड़ी के सहारे ही भोजन बनाने को मजबूर महिलाओं को बेहतर ईंधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुफ्त में दिये गये थे। इससे गरीब परिवारों की रसोई तक बेहतर ईंधन पहुंच गया, लेकिन लगातार गैस की बढ़ती कीमतों के चलते ये परिवार चूल्हे पर धुएं के बीच खाना बनाने के लिए मजबूर थे। वर्तमान में गैस की कीमत में कमी और सब्सिडी के नियमित होने से इसके उपभोक्ताओं में उत्साह है।
यह भी पढ़ें : रेडक्रॉस खून घोटाले में हुई कड़ी कार्रवाई, कर्मचारियों के खिलाफ FIR.. 2 कर्मियों को किया ससपेंड वर्तमान में बस्तर जिले में उज्जवला कनेक्शन – वर्ष 2016 – 30 हजार कनेक्शन
– वर्ष 2016 – 55 हजार कनेक्शन – वर्ष 2018 – 85 हजार कनेक्शन – वर्ष 2019 – 1.05 लाख कनेक्शन – वर्ष 2020 – 1.18 लाख कनेक्शन – वर्ष 2021 – 1.19 लाख कनेक्शन
– वर्ष 2022 – 1.24 लाख कनेक्शन – वर्ष 2023 – 1.28 लाख कनेक्शन 30 फीसदी उपभोक्ता एक्टिव बस्तर जिले में गैस सिलेंडर के दामों में कमी और 211 रूपए की सब्सिडी नियमित होने के चलते प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के उपभोक्ताओं में खासे बढ़ोतरी की खबर है। पिछले महीनों के आंकड़ों के मुताबिक मात्र 27 हजार 786 परिवार ही रिफलिंग करवा रहे थे। वर्तमान में बस्तर जिले में इसके 1 लाख 27 हजार 354 उपभोक्ता हैं जबकि 79 फसदी लोग रिफलिंग नहीं करा पा रहे थे। खाद्य विभाग की माने तो इन दिनों उज्जवला योजना के हितग्राहियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है और इस योजना के तहत लगभग 30 फीसदी उपभोक्ता के एक्टिव होने की खबर है।
यह भी पढ़ें : CG Election : चुनाव के लिए अफसरों की रणनीति तैयार, आयोग ने पुलिस कर्मियों को दिए ये आदेश यही वजह है कि इस योजना के उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले महीनों में जिले में केवल 21 फीसदी उज्जवला योजना के हितग्राही रिफलिंग करवा रहे थे जो अब बढ़कर लगभग 30 फीसदी हो गये हैं। गैस के दामों में कमी होने से इसके उपभोक्ताओं में आगे भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। पिछले वर्षों में एलपीजी की दामों में वृद्धि के चलते प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का दम निकल गया था और इसकी कीमतों के चलते उज्ज्वला कनेक्शनधारक सिलेंडर रिफिल नहीं करवा पा रहे थे। गौरतलब है कि वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना शुरू की थी। वर्तमान में बस्तर जिले में इसके 1 लाख 27 हजार 354 उपभोक्ता हैं।