ऐसा पहली बार… निकाय क्षेत्र में सिर्फ महिलाएं ही करवाएंगी मतदान बस्तर लोकसभा चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि इस सीट के निकाय क्षेत्र में सिर्फ महिलाएं ही मतदान करवाएंगी। जगदलपुर शहरी क्षेर्त्र, बस्तर नगर पंचायत और बस्तर जिले के सभी ब्लॉक मुयालय के मतदान केंद्रों में महिला मतदान कर्मी ही वोटिंग करवाएंगी। पिछले चुनाव में महिला मतदान कर्मिंयों ने संगवारी बूथ के जरिए मतदान करवाया था। जगदलपुर, चित्रकोट व बस्तर विधानसभा सीट की मतगणना का पूरा काम भी महिलाओं ने ही किया था। इस वजह से इस बार बस्तर जिले में मतदान करवाने का जिमा महिलाओं को सौंपा गया है।
यह भी पढ़ें
पिक्चर अभी बाकी है…मोदी पर रखिए भरोसा, कांग्रेस पर जमकर बरसे डिप्टी सीएम शर्मा
मतदान खत्म होते ही जिला मुयालय पहुंचेगी ईवीएम Bastar Lok Sabha Seat Chunav: चुनाव आयोग का बस्तर को लेकर हमेशा से स्पष्ट आदेश रहा है कि मतदान खत्म होते ही ईवीएम जिला मुयालयों तक सुरक्षित पहुंचाएं जाएं। 19 अप्रैल को दोपहर 3 बजे जब संवेदनशील केंद्रों में मतदान खत्म होगा तो शुरुआती 3 घंटे तक को सिर्फ ईवीएम ही मुयालयों तक पहुंचाए जाएंगे। इस वजह से विधानसभा चुनाव के दौरान कई केंद्रों में मतदान कर्मी फंस गए थे। जिनकी वापसी 3 से 4 दिन बाद हो पाई थी। सबसे ज्यादा मतदान केंद्र दंतेवाड़ा, सबसे कम बस्तर में बस्तर लोकसभा के लिए आठ विधानसभा में कुल 1957 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा मतदान केंद्र दंतेवाड़ा जिले में हैं। यहां 273 केंद्र हैं। वहीं सबसे कम 212 केंद्र बस्तर विधानसभा में हैं। इसके अलावा नारायणपुर में 265, जगदलपुर में 247, कोण्डागांव में 242, चित्रकोट में 240, बीजापुर में 245 और कोंटा में 233 केंद्र बनाए गए हैं। इस बार 234 केंद्रों की शिटिंग भी की गई है।
40 डिग्री तापमान में वोट डालना और डलवाना चुनौती बस्तर में इन दिनों तापमान 40 डिग्री के आसपास चल रहा है। बस्तर के लिहाज से इसे ज्यादा गर्मी ही माना जाता है। ऐसे में बढ़े हुए तापमान के बीच वोट डालना और डलवाना दोनों चुनौती रहेगी। अंदरूनी इलाकों में वैसे ही मतदाता वोटिंग के लिए कम ही निकलते हैं, उपर से गर्मी ज्यादा होने की वजह से मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है। हालांकि मतदान केंद्रों में गर्मी से बचने के उपाय किए गए हैं। हर केंद्र में छांव और पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है ताकि मतदान के लिए आने वालों को तकलीफ ना हो।