भगवान के किरदार रोशनी से नहाई नाव में सवार हुए और भक्तों को दर्शन देने तालाब का चक्कर लगाते रहे। रानीघाट में भक्त भगवान राम के भजनों पर झूमते रहे। क्या बच्चे क्या बूढ़े हर कोई इस दौरान प्रभु की भक्ति में मगन नजर आया। शाम 7 बजे के बाद दीप जलने से पहले आईलैंड के मध्य में भगवान राम-सीता और हनुमान की विशाल रंगोली के सामने लोग कतार लगाए रहे। पूरा दलपत सागर इस दौरान राममय हो गया। हर तरफ राम भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। जगमगाते फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म पर राममानस करती मानस मंडली।
इस बार दलपतसागर में नवीन प्रयोग किया गया। इसके तहत तालाब के बीच फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म पर राममानस के मंचन की व्यवस्था की थी, इसके इंतजाम और स्थान तय करने में कमी नजर आई। राम भक्त शाम से ही तालाब के बीच चल रहे राममानस को देखने के लिए जुटे रहे लेकिन रामायण के पात्र का चेहरा भक्तों की ओर ना होकर आईलैंड की ओर था। इस वजह से लोग मानस के प्रदर्शन का आनंद पूरी तरह से नहीं उठा पाए। कार्यक्रम में चार चांद लगाने के लिए आयोजित लेजर शो से भी वहां पहुंचे लोगों को निराशा ही हाथ आई।
यह भी पढ़ें
छोटा पड़ गया पंडाल… सडक़ तक बैठकर कथा सुन रहे भक्त, आज होगी कृष्ण जन्माष्टमी और वामनावतार
इतनी भीड़ जुटी कि मोबाइल नेटवर्क हो गया जाम, ड्रोन भी क्रैश : कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहर के लोग इतनी बड़ी तादात में पहुंचे कि मोबाइल नेटवर्क जाम हो गया। सोशल मीडिया पर आयोजन को लाइव करने की चाह रखने वाले भक्त वीडियो लाइव नहीं कर पाए। वहीं तालाब के ऊपर ड्रोन उड़ा रहे एक फोटोग्राफर का ड्रोन ज्यादा भीड़ में सिग्नल फेल होने की वजह तालाब के पानी में क्रैश हो गया। इसी तरह से और भी कई फोटोग्राफर सिग्नल फेल होने के खतरे की वजह से एहतियात के साथ ड्रोन उड़ाते दिखे।
दीपों की लालिमा के बीच ऐतिहासिक लम्हे की लोगों ने कैद की तस्वीरें एक ओर तालाब का हर हिस्सा दीपों की लालिमा से जगमगा रहा था तो दूसरी ओर युवा का अलग-अलग समूह रील और सेल्फी लेने में जुटा रहा। परिवार के साथ आए लोग भी दीपों की आकर्षक सजावट के साथ इस ऐतिहासिक लम्हे की तस्वीर लेते रहे। इस मौके पर जिला प्रशासन ने युवाओं के लिए रील बनाओं स्पर्धा का आयोजन भी किया था। बेस्ट रील की चाहत में युवा तालाब के हर हिस्से में जाकर वीडियो बनाते दिखे।