दरअसल 2 से 3 माह तक चले इस शोध में इस बात को बताया गया कि लोगों को इस अब तक सिर्फ घाव व ऑपरेशन के बाद खट्टा न खाने के लिए सिर्फ डराया जाता है इससे अब तक प्रमाण के साथ नहीं कहा जाता था। इसी मिथक को तोडऩे के लिए मेकाज के डॉक्टरों की टीम ने शोध किया और पाया कि खट्टा खाने से इंफेक्शन का खतरा बिल्कुल नहीं होता है।
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इसका घाव पकने से सबंध नहीं
इसके अलावा मेकाज अधीक्षक डॉक्टर अनुरूप साहू ने बताया कि हमारे शहीद महेंद्र कर्मा चिकित्सालय में हुई एक शोध से यह निष्कर्ष सामने आया है की खट्टा खाने से ऑपरेशन या चोट लगे हुए घाव नहीं पकते हैं चिकित्सकों को तो यह पहले से अनुमान था कि खट्टे में विटामिन सी होता है इसके कारण इसका घाव पकने से कोई संबंध नहीं होता है। इस विषय में शोध करके इसे प्रमाणित करने की आवश्यकता थी, इसे हमारे चिकित्सा महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने शोध करके प्रमाणित कर दिया है कि खट्टा खाने से घाव पकने का डर नहीं रहता है।अंध विश्वास में न पड़े, संतुलित भोजन करें
डॉक्टरों की टीम ने कहा कि आम लोग इस तरह के अंधविश्वास में ना पड़े। सम्पूर्ण व संतुलित भोजन करें। ताकि बीमारियां जल्दी ठीक हो सकें। यह शोध कार्य डॉक्टर कमलेश ध्रुव, डॉ. प्रदीप पांडे एवं आहार विशेषज्ञ दीक्षा बनर्जी के निर्देश में संपन्न किया गया था। साथ ही अंकित वर्मा, अंशुल सिंह, अंजू चौहान, आराधना जायसवाल भी शामिल थे। डॉक्टर प्रदीप पांडेय ने बताया कि बलिराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय जगदलपुर के डॉक्टरों के द्वारा सर्जरी वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों के ऊपर शोध किया गया। जिसमें मरीजों को दो भागों में बांटा गया, जहां एक भाग के मरीजों को खट्टा खाने के लिए दिया गया, जबकि दूर भाग के मरीजों को इनसे दूर रखा गया।
इसके बाद से लगातार इन मरीजों को निगरानी में रखकर इनकी स्थिति को देखा जा रहा था, करीब कुछ हफ्तों के बाद जब दोनों भाग के मरीजों को देखा गया तो दोनों में सामान्य लक्षण देखे गए, जिससे कि इस बात को कन्फर्म कर दिया गया कि अगर चोट लगने ,आपरेशन के बाद अगर उन्हें खाने में खट्टा दिया जाता है तो उनके घाव नही पकते हैं।