पीडिता एवं उसके परिजन प्रार्थना भवन में जाने से अभियुक्त का पीड़िता एवं उसके परिवार के मध्य परिवारिक संबंध बन गया। थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त पीड़िता के परिवार की अनुपस्थिति में उसके घर जाकर उसके हाथ पकड़कर गलत नीयत से उसे छूता था और फोटो लेकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनता था। पीड़िता ने अभियुक्त द्वारा चेट्स के स्क्रीनशॉट, इंस्टाग्राम पर अपलोड किये फोटो की स्कीनशॉट भी पेश किए।
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आठ साक्ष्य बने सजा के आधार न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर से अपने पक्ष समर्थन में कुल 8 साक्ष्यों का परीक्षण कराया गया जो सजा के आधार बने। परीक्षण में आरोपी के विरूद्ध आरोप प्रमाणित होने पर एफटीसी जज ने प्रकरण में आरोपी पास्टर हेमंत सोना को संहिता की धारा 354 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रू अर्थदंड, अधिनियम की धारा 4 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रू अर्थदंड, अधिनियम 12 के आरोप में तीन वर्ष एवं दो हजार रू अर्थदंड एवं आईटी एक्ट के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो लाख रू अर्थदंड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड की अदायगी न किये जाने पर अभियुक्त को प्रत्येक अर्थदण्ड पर क्रमश: छ:- छ: माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतनी होगी। अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक नीलिमा वर्मा ने पेश किया।