अंतागढ़ से जगदलपुर तक करेंगे पदयात्रा
दल्ली राजहरा जगदलपुर लंबित रेल लाइन की मांग को लेकर अंतागढ़ से जगदलपुर तक 3 अप्रैल से 12 अप्रैल तक पदयात्रा की जाएगी। जिसमें अंतागढ़, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर, जगदलपुर के हजारों लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।
दल्ली राजहरा जगदलपुर लंबित रेल लाइन की मांग को लेकर अंतागढ़ से जगदलपुर तक 3 अप्रैल से 12 अप्रैल तक पदयात्रा की जाएगी। जिसमें अंतागढ़, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर, जगदलपुर के हजारों लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।
बढ़ती जा रही परियोजना की लागत
रावघाट दल्ली राजहरा रेल लाइन परियोजना की लागत 1995 में 369 करोड़ थी जो 2004-5 में 968.6 करोड रुपए हो गई। इस परियोजना के प्रथम चरण में 95 किलोमीटर की कुल लागत 134.96 करोड़ की थी दिसंबर 2007 में बढ़कर 304.3 हो गई परियोजना की वर्तमान लागत 1622 करोड़ है। रावघाट नारायणपुर जगदलपुर रेल लाइन परियोजना दूसरा चरण 140 किलोमीटर की कुल लागत 234.4 करोड़ थी वर्तमान में इस परियोजना की लागत बढ़कर 2539 करोड़ हो गई है।
रावघाट दल्ली राजहरा रेल लाइन परियोजना की लागत 1995 में 369 करोड़ थी जो 2004-5 में 968.6 करोड रुपए हो गई। इस परियोजना के प्रथम चरण में 95 किलोमीटर की कुल लागत 134.96 करोड़ की थी दिसंबर 2007 में बढ़कर 304.3 हो गई परियोजना की वर्तमान लागत 1622 करोड़ है। रावघाट नारायणपुर जगदलपुर रेल लाइन परियोजना दूसरा चरण 140 किलोमीटर की कुल लागत 234.4 करोड़ थी वर्तमान में इस परियोजना की लागत बढ़कर 2539 करोड़ हो गई है।
दूसरा चरण अब तक नहीं हुआ शुरू
रावघाट से नारायणपुर होते हुए जगदलपुर 140 किलोमीटर दूसरे चरण का कार्य बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस कंपनी को वित्तीय सहायता सेल, एनएमडीसी और इरकॉन कर रही है। इस परियोजना का शिलान्यास 28 सितंबर 2018 को तत्कालीन रेल राज्य मंत्री राजेश गोयल एवं तत्कालीन छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा किया गया था। इसके पहले 9 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंतेवाड़ा में इस परियोजना का एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2023 तक रखा गया था। लेकिन अब तक इस परियोजना में नींव तक नहीं रखी गई । इससे अंदाज लगाया जा सकता है, की दूसरे चरण का कार्य पूरा होने में सालो लग जाएंगे।
रावघाट से नारायणपुर होते हुए जगदलपुर 140 किलोमीटर दूसरे चरण का कार्य बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस कंपनी को वित्तीय सहायता सेल, एनएमडीसी और इरकॉन कर रही है। इस परियोजना का शिलान्यास 28 सितंबर 2018 को तत्कालीन रेल राज्य मंत्री राजेश गोयल एवं तत्कालीन छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा किया गया था। इसके पहले 9 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंतेवाड़ा में इस परियोजना का एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2023 तक रखा गया था। लेकिन अब तक इस परियोजना में नींव तक नहीं रखी गई । इससे अंदाज लगाया जा सकता है, की दूसरे चरण का कार्य पूरा होने में सालो लग जाएंगे।