बता दें कि सुकमा जिले में वर्ष 2014 में यह घटना हुई थी। इसमें 15 जवान समेत 16 लोगों की मौत हो गई थी। 10 साल बाद इस मामले के दोषियों को सजा मिली है। पहली बार एनआईए किसी केस में दोषियों को सजा दिलवाने में सफल रहा है।
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इस हमले के 4 दोषियों पर 11 अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई गई है। इसमें 302 हत्या, आईपीसी 120 बी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूएपीए(अनलॉफूल एक्टिविटिस प्रिविंशन एक्ट) के तहत मामले शामिल थे। सभी सजा साथ-साथ चलेगी। इस घटना के बाद पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद एनआईए ने अपनी जांच के दौरान घटना से जुड़े करीब 84 लोगों को गवाह बनाया था। इन सभी के बयान एक-एक कर दर्ज किए गए। अंत में अदालत ने सभी को सुनने के बाद यह बड़ा फैसला सुनाया है। इन 4 को मिली सजा महादेव नाग, दयाराम बघेल, मनीराम कोर्राम और कवासी जोगा। ..क्या है टाहकवाड़ा घटना Tahkwada Attack 2014: 11 मई 2014 को नक्सलियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ टीम पर हमला कर दिया था। इसमें 15 जवान और एक सिविलियन यानी 16 लोगों की मौत हो गई थी। बस्तर में नक्सलियों के सबसे बड़े हमले में से इसे एक माना जाता है। घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था। लेकिन बाद में यह मामला एनआईए को ट्रांसफर किया गया। जिसके बाद इसकी जांच एनआईए ने की।