आलम यह है कि अनजान रिश्ते में रोक-टोक पति हो पत्नी किसी को मंजूर नहीं है। हाल ही में बस्तर के केशकाल और फरसगांव की घटनाओं ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि परिवार तबाह होने से कैसे बचें। इसके दुष्परिणाम महिलाएं ज्यादा भुगत रही हैं। कभी प्यार में धोखा मिलता है तो कभी ब्लैकमेलिंग के जरिये ठगी और बदनामी भरा जीवन। ऐसे में अनजान लोगों की दोस्ती और सावधानी बरतने की जरूरत है। पिछले पांच सालों में बस्तर संभाग में महिलाओं और बच्चों से संबंधित 2943 मामले दर्ज हुए हैँ। जिनमें अधिकांश कहीं न कहीं सोशल मीडिया और मोबाइल कॉल के जरिए घटित हुए हैं।
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केशकाल में हाल ही में दो सगी बहनों ने मोबाइल के माध्यम से मप्र के एक व्यक्ति से दोस्ती और प्यार के झांसे में आकर अपने परिवार को त्याग कर दोनों बहनों ने घरबार छोड़कर दूसरी शादी कर घर बसा लिया। पुलिस और परिवार के दबाव के बावजूद दोनों महिलाओं ने अपने घर आने से इंकार कर दिया। इस घटना में पहले पति और उनके दोनों बच्चे अपनी मां से अलग रह गए। दूसरी घटना में फरसगांव की एक युवती की उत्तरप्रदेश के कानपुर के युवक से दोस्ती हुई और उसके शब्दजाल में फंसकर अपनी इज्जत गवां ली। इस घटना में भले ही युवक जेल के सलाखों के पीछे चला गया किन्तु समाज और परिवार में घट रहे इस तरह की घटनाओं की फेहरिस्त बहुंत लंबी है।
गीतिका साहू, डीएसपी व साइबर सेल प्रभारी बस्तर
बस्तर संभाग में महिलाओं और बच्चों पर घटित अपराध पर एक नजरअपराध – 2019 – 2020 – 2021 – 2022 – 2023
हत्या – 07 – 07 – 07 – 12 – 10
हत्या का प्रयास – 06 – 02 – 01- 04 – 05
बलात्कार – 237 – 280 – 309 – 289 – 303
अपहरण – 197 – 205 – 235 – 186 – 192
लज्जा भंग – 102 – 104 – 89 – 73 – 82