यह भी पढ़ें : 5 साल की बच्ची से रेप… इलाज में देरी से आक्रोशित लोगों ने किया चक्काजाम, इस हाल में मासूम बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने यहां हंगामा किया बात पुलिस तक भी पहुंची। इसके बाद मौके पर पहुंचे डाक्टर व परिजनों के बीच काफी देर तक बातचीत चलती रही इसके बाद महिला के परिजनों ने माना कि बच्चा गिरने में स्टाफ की गलती नहीं थी ऐसे में उन्होंने कोई कार्रवाई की मांग नहीं की है।
यह भी पढ़ें : पितृपक्ष 2023 : पितरों के तर्पण से घर में आती है खुशहाली, इन नियमों का पालन करने से बरसती है पूर्वजों की कृपा महिला की 8 महीने में डिलवरी हुई थी
इधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डाक्टर देवांश तिवारी का कहना है कि डिलवरी के दौरान बच्चा नीचे नहीं गिरा है। उन्होंने बताया कि जिस महिला ने डिलवरी हुई उसने प्रीमैच्योर बेबी को जन्म दिया महिला की आठ महीने में डिलवरी हुई थी और बच्चे का वजन भी 1.6 कि ग्राम था। उन्होंने बताया कि बच्चे ने पेट में ही पानी पी लिया था ऐसे में उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिस दौरान महिला की डिलवरी हो रही थी उस दौरान वहां कोई मौजूद नहीं था। परिजनों का हो हल्ला सुनकर डाक्टर मौके पर पहुंचे और बच्चे को बचाने की कोशिश करने लगे।