जगदलपुर

14 साल से जगदलपुर के वन विद्यालय में विशाल पिंजरे में रखी छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की मौत

अविभाजित छत्तीसगढ़ के समय से ही इस पक्षी (Gracula religiosa peninsularis) को राजकीय पक्षी का दर्जा देने की कवायद जारी थी, जो छत्तीसगढ़ राज्य बनने बाद दे दिया गया।

जगदलपुरNov 06, 2019 / 02:26 pm

Badal Dewangan

14 साल से जगदलपुर के वन विद्यालय में विशाल पिंजरे में रखी छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की मौत

जगदलपुर. संभागीय मुख्यालय स्थित वन विद्यालय में रखी गई राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की आज से चार दिन पहले पिंजरे में ही मौत हो गई है। मौत का कारण अभी सामने नहीं आ पाया है। वन विद्यालय के अधिकारी उम्र हो जाने के बाद आम मौत मान रहे हैं।

14साल से थी पिंजरे में
मिली जानकारी के मुताबिक तेजी से विलुप्त हो रही छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना किसी भी आवाज की हुबहू नकल कर लेती है। बस्तर में पाई जाने वाली पहाड़ी मैना का जुलाजिकल नाम गैकुला रिलीजिओसा पेनिनसुलारिस (gracula religiosa peninsularis) है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में पाई जाने वाली मैना से भिन्न है।

अन्य की बीमारी से हो गई मौत
यह कांगेर घाटी, बारसूर, बैलाडिला की पहाडिय़ों के अलावा छग और ओडिशा की सीमा क्षेत्र में ही पाई जाती है। ये पहाड़ी मैना करीब १४ साल से जगदलपुर के संभागीय वन विद्यायल में थी। जिसकी चार दिन पहले मौत हो गई। विद्यालय में कुल ४ पहाड़ी मैना रखी गई थी। जैसे जैसे समय बीतता गया। किसी मैना की बीमारी से मौत हो गई तो एक मैना को सांप ने डस लिया जिससे उसकी मौत हो गई। इन तीन पहाड़ी मैना की मौत के बाद चार दिन पहले फिर एक मैना की मौत हो गई।

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