शिक्षकों ने भी उसकी प्रतिभा को देखते हुए पुनर्मूल्यांकन करवाने सलाह दी। कामर्स संकाय की छात्रा पुष्पा ने एक विषय में रिवेल्यूएशन करवाने आवेदन दिया। इसका जो नतीजा आया उसने बात को सही साबित कर दिखाया। पुष्पा के प्रतिशत में पांच प्रतिशत की वृद्धि आई और उसने जिले भर में अपने टॉप होने का परचम फहरा दिया। पुष्पा के पिता लक्ष्मीनारायण यादव पेशे से किसान हैं। पुष्पा ने बताया कि शिक्षकों के मार्गदर्शन व आत्मविश्वास के भरोसे उसने यह मुकाम हासिल किया।
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पीएससी, नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद अब छग बोर्ड परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि पांच बिंदूओं पर उत्तर की जांच की जाती है। बावजूद ऐसी गलतियों से कई छात्रों को उनकी प्रतिभा से कम आंका जा रहा है। इसमें लापरवाही बरतने की बात से वे इंकार नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुष्पा सक्षम थी तो उसने रिवेल्यूएशन करवा लिया। अन्य विद्यार्थी तो मन मसोस कर जो अंक हासिल हुआ उसमें ही संतोष कर चुके हैं। पत्रिका से चर्चा में पुष्पा ने बताया कि अब वह एलएलबी कर विधिक सेवा करना चाहती हैं। उसने बताया कि गांव में जमीन- जायदाद के मामले चलते रहते हैं। ग्रामीणों की अज्ञानता का फायदा उठाकर जमीन के विवाद उन पर लाद दिए जाते हैँ। कई कई साल तक मुकदमे चलते हैं ऐसा ही कुछ उसके परिवार के साथ भी हुआ। इसलिए वह विधि की शिक्षा लेकर जागरुकता फैलाएगी व सस्ता व सरल न्याय दिलाने की राह प्रशस्त करेगी।