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जगदलपुर

CG State Bird: पहाड़ी मैना का खास ख्याल रखेगा वन विभाग, घोसले में देंगे ऐसी फैसिलिटीज…

CG State Bird: कांगेर घाटी नेशनल पार्क में इस समय पहाड़ी मैना के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कांगेर घाटी के मैना मित्रों और मैदानी कर्मचारी द्वारा इनके घोंसलों संरक्षित करने और इन पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित कर रहे हैं।

जगदलपुरJun 23, 2024 / 04:47 pm

Kanakdurga jha

CG State Bird: अपनी विशिष्ट बोली के लिए विख्यात छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना इन दिनों प्रजनन काल के दौर में है। पहाड़ी मैना मानसून के आगमन के पूर्व और बरसात के बीच प्रजनन करते हैं। यही वजह है कि कांगेर घाटी नेशनल पार्क में इस समय पहाड़ी मैना के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कांगेर घाटी के मैना मित्रों और मैदानी कर्मचारी द्वारा इनके घोंसलों संरक्षित करने और इन पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित कर रहे हैं।
कांगेर घाटी के विभिन्न हिस्सों पर कटफोड़वा द्वारा बनाए गए घोंसलों में इनके रहवास को सुरक्षित बनाने हेतु इनके ब्रीडिंग सीजन में लगातार निगरानी (मॉनिटरिंग) की जा रही है। यह प्रजनन काल का अंतिम समय है, जो इस क्षेत्र के एवियन कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण चरण को दर्शाता है।

CG State Bird: उड़ना सीख रहे है बच्चे

इन दिनों कांगेर घाटी में मॉनिटरिंग किए जा रहे घोंसलों से पहाड़ी मैना के बच्चों को उड़ना सिखाते हुए देखे जा रहे हैं। जैसे-जैसे मानसून करीब आता है, इन विशिष्ट पक्षियों के लिए प्रजनन अवधि के अंत का संकेत मिलता है। वन विभाग के कर्मचारियों और मैना मित्र समान रूप से उनके आवासों की सुरक्षा के लिए प्रयास पर किए जा रहे हैं।
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150 से अधिक घोंसले की हो रही निगरानी

पहाड़ी मैना की विशिष्ट काली पंखुड़ी और जीवंत पीले कलगी ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का प्रतीक बना दिया है। जहां इसकी आबादी और आवासों के संरक्षण के प्रयासा को प्राथमिकता दी जा रही है। निदेशक कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान चूड़ामणि सिंग ने कहा कि इन पक्षियों को निवास स्थान के नुकसान और अवैध व्यापार जैसे खतरों से बचाने के लिए निरंतर सतर्कता बरतने की अवश्यकता है साथ ही इनके संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस वर्ष 11 मैना मित्रों द्वारा लगभग 150 घोसलों की निगरानी की गई, जिसके फलस्वरूप कांगेर घाटी से लगे 25 गांव में 600 से अधिक मैना विचरण करते देखे जा रहे है।

CG State Bird: शुरू होंगे मैना व वन्य जीव संरक्षण अभियान

निदेशक कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के दिशा निर्देश से मानसून सीजन में संरक्षण योजनाओं का प्रयास आरंभ हो चुका है। मैना शोधार्थी युगल जोशी द्वारा 19 जून को मैना मित्रों के साथ बैठक कर मानसून सीजन में स्कूली बच्चों तथा ग्रामीणों में जागरूकता हेतु कांगेर घाटी से लगे 40 गावों में पहाड़ी मैना एवं वन्य जीव के संरक्षण हेतु जागरूकता अभियान जुलाई माह से शुरू किया जाना निश्चित हुआ है।
पहाड़ी मैना का प्रजनन काल सीमा के आधार पर थोड़ा भिन्न होता है। पहाड़ी मैना का मोनोगेमस जोड़ा पेड़ में कटफोडवा द्वारा बनाए गए एक छेद की तलाश करता है। इसमें नर और मादा मिलकर टहनियों, पत्तियों और पंखों को ले जाकर अपने घोंसले में बिछाते हैं तथा अंडे देते हैं। यही वजह है कि इन पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने कांगेर घाटी के विभिन्न हिस्सों पर कटफोड़वा द्वारा बनाए गए घोंसलों में इनके रहवास को सुरक्षित बनाने हेतु लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा है।

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