नक्सली 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाएंगे। इससे पहले उन्होंने सालभर में मारे गए अपने लड़ाकों का ब्योरा जारी करते हुए बताया कि फोर्स ने उनके 106 लड़ाकों को मारा है। साथ ही 56 बेगुनाह ग्रामीणों को भी मारा गया है।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के लेटर हेड पर नक्सल प्रवक्ता समता ने सालाना ब्योरा जारी किया है। इस विज्ञप्ति में सालभर में हुई उन सभी घटनाओं का जिक्र किया गया है जिसमें नक्सलियों को नुकसान हुआ है। फोर्स के कई ऑपरेशन को नक्सलियों ने फर्जी करार देते हुए बताया है कि फोर्स बेगुनाहों को मारने पर आमादा है।
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Naxal Terror In Chhattisgarh: नक्सली लीडर्स की मौत भी स्वीकारी
बीते एक साल में कई नक्सल लीडरों के मारे जाने की भी पुष्टि की गई है। नक्सलियों ने प्रेस नोट में यह भी बताया है कि भाजपा सरकार के आने के बाद तेज हुए ऑपरेशन में उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि हमारा जनआंदोलन इसी तरह से जारी रहेगा। प्रेस नोट में कहा गया है कि दुनियाभर में फासीवादी संस्थाएं व पार्टियां अस्तित्व में आ रही हैं। दूसरी ओर क्रांतिकारी पार्टियां 40 देशों में उभरकर सामने आई हैं। इस माहौल को देखकर भाजपा-आरएसएस के लोग डरे हुए हैं। प्रेस नोट में अंत में शहीदी सप्ताह के दौरान शहीदों के बलिदान को गांव-गांव तक ले जाने की बात कही गई है। जुलाई 2023 से जून 2024 तक छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों को प्रदर्शित करने वाला डेटा चार्ट यहां दिया गया है। यह हर महीने किए गए अभियानों, गिरफ्तार किए गए और मारे गए नक्सलियों की संख्या, साथ ही सुरक्षा बलों के घायल होने और मरने वालों की संख्या को दर्शाता है।