साइबर पुलिस को इस तरह के आधे दर्जन से अधिक मामले मिल चुके हैं। पुलिस इन मामलों पर जांच भी कर रही है। यह ठग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खासे सक्रिय हैं। ठग ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर विज्ञापन पोस्ट करते हैं। स्कैमर्स को पता है कि फेसबुक उन्हें रोक नहीं पाएगा। स्पैम ऐड देख कर लोग ठगे जा रहे हैं।
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CG Online Fraud: फर्जी विज्ञापनों की भरमार
कुहारपारा निवासी विजय ने बताया कि उसने कार खरीदने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक विज्ञापन में दिए नंबर से संपर्क किया था। कॉलर ने बताया कि वह अपनी कार 1 लाख 80 हजार रुपये में बेचना चाहता है। ठीक ठाक कंडीशन के चलते उसने फाइनल कर लिया। विज्ञापन दाता ने एडवांस की राशि के तौर पर 10000 रुपये मंगाए। विजय ने ठग के बताये नंबर पर गूगल पे कर दिया। फिर ठग ने कार की आरसी ट्रांसफर कराने के नाम पर 3 हजार रुपये मांग की। उसने इसके बाद ठग ने कार ट्रांसपोर्ट चार्ज के रूप में 15 हजार रुपये भेजने कहा। बार बार रकम की डिमांड पर आलोक को शक हुआ। वह 13 हजार भेज चुका था। जब उसने सवाल जवाब किया तो ठग ने अपना नंबर बंद कर दिया।सोशल मीडिया ठगी का बढ़िया जरिया
टूर पैकेज के नाम पर होटल और गाड़ी बुक कराने के नाम पर पैकेज बनाकर कम पैसों में देने का झांसा देकर लोगों से ठगी का कारोबार बढ़ गया है। साइबर ठग इस तरह की ठगी के लिए ओरिजिनल साइट की हूबहू फेक साइट बनाकर लोगों को झांसे में लेते है। कई बार स्थानीय शहर में काल कर बुलाये जाते हैं। बाद में पैकेज का लालच देकर हर काम के लिए रुपये अकाउंट में पहले मंगवाए जाते हैं। रुपये देते ही ये ठग फोन उठाना बंद कर देते हैं। सोशल मीडिया पर ज्यादातर विज्ञापन बड़ी कंपनियों की तरफ से पोस्ट किया गया हो, ऐसा हमेशा नहीं होता। कई बार फ्रॉड विज्ञापन भी होते हैं। फर्जी विज्ञापन पर यूजर्स द्वारा सामान ऑर्डर कर देने के बाद इंतजार का सिलसिला शुरू होता है। बाद में उस फ्रॉड वेबसाइट पर जाकर दिए नंबर पर कॉल करते हैं तो कॉल नहीं लगता।