जिले के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों से होकर दौडे़गी भारतमाला एक्सप्रेसवे
– भूमि अधिग्रहण के बाद जारी है मुआवजा वितरण की प्रक्रिया।
– भूमि अधिग्रहण के बाद जारी है मुआवजा वितरण की प्रक्रिया।
(Ramakant sinha-रामाकान्त सिन्हा) कोण्डागांव- भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत राजधानी रायपुर से होकर विशाखापटनम तक बनने वाली एक्सप्रेसवे कोण्डागांव जिले के विश्रामपुरी इलाके के आधा दर्जन से ज्यादा गांवों को होते हुए गुजरेगी। इस जिले से गुजरने वाले इस मार्ग में तकरीबन 68 हेक्टेयर राजस्व व वनभूमि इस एक्सप्रेसवे के बीच आएगें। जिसमें निमायानुसार भूमिअर्जन की प्रक्रिया इन दिनों चल रही है। इस एक्सप्रेसवे के इलाके से गुजरने से जहॉ विशाखापटनम तक राह असान होगी वही आसानी से भी पहुंचा जा सकेगा। नेशनल हाईवे आथॅरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा बनाए जा रहे भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए भूमि अर्जन के साथ ही इलाके में एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए मशीनरियों का आना-जाना शुरू हो गया है। आपको बता दे कि, भारतमाला प्रोजेक्ट राज्य के चार जिलों से होकर गुजर रहा है, जिसमें हमारा कोण्डागांव भी शामिल है। जिसका हम जिलेवासियों आने वाले समय में सीधा लाभ भी मिल सकेगा।
इन गांवों से होकर गुजरेगी भारतमाला-
भारतमाला प्रोजेक्ट जिसे इलकोनॉमी कॉरिडोर के नाम भी जाना जा रहा है यह जिले के विश्रामपुरी विकासखंड के ग्राम गोविदंपुर से शुरू होकर कोसमी, सरगीपाल, सलना, पलना, मारंगपुरी, हात्मा, मछली से होते हुए मानिकपुर के रास्ते निकटवर्ती राज्य ओडिसा की ओर निकल जाएगी। इस एक्सप्रेसवे में आने में 236 किसानों की जमीन आ रही है, जिसमें कुछ वनाधिकार पत्रक तो कुछ राजस्व की है। जिसमें से अबतक तीन करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसानों को अबतक वितरित किया जा चुका है। हालांकि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से जिलेवासियों को फायदा तो होना ही है, लेकिन वर्तमान में कुछ किसानों ने कम मुआवजा आंकन करने की शिकायत भी पिछले दिनों कलेक्टर से मिलकर की थी। इसके बाद कुछ किसानों के जमीन का दुबारा से मापन व मिलान के बाद मुआवजा राशि वितरण किया जाना है।
मिलेगी और बेहतर सुविधा-
इलाके से होकर भारतमाला एक्सप्रेसवे के गुजरने से ज्यादा ज्यादा शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में होगा। यहॉ से होने वाली आरामदेह सफर से एक तो समय बचेगा और ज्यादा से ज्यादा लोग बेहतर चिकित्सा के लिए मल्टीस्पेस्लिटी हॉस्पिटलों तक पहुंच पाएगें क्येाकि, जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था के चलते लोगों को अक्सर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वही बेहतर व उच्चशिक्षा के लिए भी अब निकटवर्ती राज्यों के बड़े संस्थाओं में पहुंचकर उच्चशिक्षा पा सकेगें।
वर्सन-
0- प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाले भूमिधारको को मुआवजा का वितरण किया जा रहा है। वही कुछ किसानों ने अपनी समस्या बताई है, जिसकी जांच फसल कटाई के बाद की जाएगी।
(शंकरलाल सिन्हा, एसडीएम, केशकाल)
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फैक्ट फाईल-
0- जिले में कुल दूरी- 17 किलोमीटर
0- कितने किसान हो रहे प्रभावित- 236
0- कितना बट चुका मुआवजा- 3 करोड़ से ज्यादा
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