यह भी पढ़ें: निगम और स्मार्ट सिटी के खींचतान में पुरानी बस्ती के हजारों घरों में पानी बंद मिट्टी में करते हैं प्रैक्टिस: इस प्रतियोगिता में दोनों ही वर्गों में खेल रहे बच्चे आदिवासी है। पंडरीपानी में मिट्टी में खेलने वाले यह बच्चे टर्फ में प्रैक्टिस करने वाले बच्चों को धूल चटा रहे हैं। कोच का कहना है कि यह अंडर 14 वर्ग की टीम हैं। बस्तर में हॉकी को लेकर बुनियादी सुविधाओं पर काम चल रहा है। यही वजह है कि यहां के बच्चे अब देश दुनिया में नाम कमा रहे हैं। आने वाले समय में अंतराष्ट्रीय टीम में भी बस्तर के बच्चें खेलते हुए नजर आएंगे।
यह भी पढ़ें: 2,48 लाख किसानों ने कराया पंजीयन कैरी फारवर्ड बालिका का दुर्ग तो बालक वर्ग का बिलासपुर से मुकाबला बस्तर की टीम दोनो ही वर्ग में भले ही फाइनल पहुंच गई हो, लेकिन फाइनल में जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। बालक वर्ग जहां बिलासपुर की टीम से वहीं बालिका वर्ग दुर्ग की टीम से फाइनल में भिड़ेगी। बालिका में दुर्ग की टीम बेहद मजबूत नजर आ रही है। फाइनल में जीत हालिस करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। वहीं बालक वर्ग में फाइनल मुकाबले में बस्तर की टीम बिलासपुर से भिड़ेगी। अच्छी बात यह है कि दोनों ही वर्ग में बस्तर की टीम का मेडल पर कब्जा पक्का है। फाइनल जीते तो गोल्ड मेडल हासिल होगा नहीं तो सिल्वर पक्का है।