लेम्पस सोसायटी दफ्तर के पास पेड़ गिरने से क्षतिग्रस्त हुआ मकान
दन्तेवाड़ा . मानसून आगमन से पहले अंधड़ व हवा-पानी के चलते पेड़ों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है, लेकिन राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग हादसों का इंतजार कर रहा है। विभाग के अफसर हादसे होने के बाद ही मुआवजा जैसी औपचारिकता पूरी करने में दिलचस्पी रखते हैं। नगरीय निकाय, राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग और वन विभाग के बीच तालमेल की कमी साफ दिखाई पड़ती है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला मुख्यालय में घनी आबादी वाले इलाकों में खड़े उम्रदराज और सूखे पेड़ों को काटने के 21 आवेदन नगर पालिका के पास बीते 5 साल से लंबित पड़े हैं। लोक सुराज में दिए इन आवेदनों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इस बीच सप्ताह भर पहले बारसूर नगर में पुराना बाजार स्थल के पास लेम्पस सोसायटी दफ्तर के बाजू में स्थित मकान पर आम का पुराना पेड़ गिरने से मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। खुशकिस्मती से इस मकान के निवासी घटना के दिन कहीं बाहर गए हुए थे, जिससे यह परिवार बाल-बाल बच गया। इस पेड़ को कटवाने के लिए मोहल्ले के निवासी बीते 5 साल से आवेदन देते थक गए हैं। नगर पंचायत, वन विभाग और राजस्व विभाग के अफसर एक दूसरे पर मामला टालते दिख रहे हैं। आलम यह है कि इस पेड़ के आस-पास के मकानों के निवासी सुरक्षा के लिहाज से दूसरे मोहल्लों में किराए का मकान लेकर रहने को मजबूर हैं। हुडको कॉलोनी में रिहाइशी इलाके में हल्दू का सूखा विशाल पेड़ आस-पास के मकानों के लिए खतरा बना हुआ है। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस पेड़ के ठीक नीचे एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित है, जहां करीब 100 बच्चे और शिक्षक-शिक्षिकाएं दिन में मौजूद रहते हैं। इस पेड़ को काटने के लिए नगर सुराज अभियान में बीते 5 साल से लगातार आवेदन इस पेड़ को हटाने के लिए दिया जा रहा है। इस बारे में डीएफओ संदीप बलगा से चर्चा करने पर उन्होंने इसे राजस्व क्षेत्र का मामला होने का हवाला देकर टाल दिया। वहीं आंवराभाटा के हुडको कॉलोनी में 4 साल पहले छत्रपाल साहू के मकान पर सेमल का पेड़ गिर गया था, जिसमें यह परिवार बाल-बाल बचा। इसी तरह 3 साल पहले आंवरा भाटा रेलवे क्रासिंग के नजदीक गोपाल हलधर के मकान पर साजा का सूखा पेड़ गिर गया, जिससे मकान में रह रही महिला घायल
हो गई थी। जिला न्यायालय से लगे आरएएस कॉलोनी में खड़े इमली के उम्रदराज पेड़ को कटवाने की मांग बीते 6 साल से की जा रही है। इस पेड़ के गिरने पर जड़ की वजह से 8-10 मकानों को भी खतरा हो सकता है।