जबलपुर। एलटीटी से दरभंगा जा रही 11065 डाउन पवन एक्सप्रेस को अज्ञात डकैतों द्वारा बोगदे (टनल) में रोके जाने के बावजूद टे्रन में सवार एक आरपीएफ इंस्पेक्टर अपनी बर्थ पर खर्राटे भर रहा था। यात्रियों के शोर के बाद वह जागा। आरपीएफ के जबलपुर मुख्यालय में पदस्थ उक्त इंस्पेक्टर ने हौज पाइप काटकर भागने वाले का पीछा कर पकडऩे की बजाय टे्रन के भीतर ही खुद को सुरक्षित रखते हुए यात्रियों से पूछताछ की खानापूर्ति शुरू कर दी। 100 डायल भी पहुंची मौके पर पवन एक्सप्रेस के गार्ड व लोको पायलट की सूचना के बाद रेल अमला हरकत मंे आ गया था। सूचना मिलने के बाद पिपरिया से जीआरपी-आरपीएफ अमले ने पहुंचने में काफी वक्त लगा दिया। उनसे पहले मौके पर डायल 100 वाहन पहुंच गया था। घटनास्थल के आसपास टे्रन रोकने वालों की तलाश की गई, तब तक वे फरार हो चुके थे। इस संबंध में पीआरओ केके दुबे ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अज्ञात व्यक्ति के द्वारा हौज पाइप काटकर टे्रन को रोका गया था। ट्रेन रूकने के बाद नीचे उतरे यात्रियों ने दो कोचों के बीच एक व्यक्ति को बैठे देखा जो भाग गया। टे्रन में मौजूद आरपीएफ मुख्यालय के एक निरीक्षक भी मौजूद थे, जिन्होंने यात्रियों से पूछताछ कर यह पता लगाया कि उनके साथ लूटपाट तो नहीं हुई है। यात्रियों से पूछताछ सोनतलाई-बागरातवा के बीच बोगदे में एक घंटे से ज्यादा समय तक खड़ी टे्रन के रवाना होने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली थी। टे्रन के पिपरिया पहुंचने पर भी स्टेशन में मौजूद आरपीएफ व जीआरपी अमले ने यात्रियों से पूछताछ की थी कि किसी के साथ कोई घटना या लूटपाट तो नहीं हुई है। इस पूरे मामले में यात्रियों की सक्रियता काफी कारगर साबित हुई। उनके एकजुट होकर पथराव करने से टे्रन रोकने वाले हथियारबंद डकैत मौके से फरार होने पर मजबूर हो गए थे। बोगदे में टे्रन रोकने की जानकारी लगते ही पिपरिया से जीआरपी स्टाफ मौके पर पहुंच गया था। टे्रन के पिपरिया आने पर भी मौजूद स्टाफ ने आरपीएफ के साथ मिलकर यात्रियों से पूछताछ की कि किसी के साथ कोई घटना तो नहीं हुई है। यात्रियों की सक्रियता के चलते बड़ी वारदात होने से बच गई। सविता सोहाने, एसआरपी, जबलपुर